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Bihar Politics: बिहार का सियासी खेला कैसा होगा? जो अमित शाह और जेपी नड्डा को ले आएगा पटना!

सत्ता का परिवर्तन तो कई राज्यों में हुआ और भाजपा एक बार फिर से सरकार में लौट आई लेकिन, केंद्रीय नेतृत्व की इतनी सक्रियता शायद ही इन राज्यों में देखने को मिली हो. मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गई और शिवराज सिंह चौहान सीएम बने तब भी केंद्रीय नेतृत्व इतना सक्रिय नहीं हुआ था.

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फाइल फोटो
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jan 27, 2024, 05:34 PM IST
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Bihar Politics: सत्ता का परिवर्तन तो कई राज्यों में हुआ और भाजपा एक बार फिर से सरकार में लौट आई लेकिन, केंद्रीय नेतृत्व की इतनी सक्रियता शायद ही इन राज्यों में देखने को मिली हो. मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गई और शिवराज सिंह चौहान सीएम बने तब भी केंद्रीय नेतृत्व इतना सक्रिय नहीं हुआ था. महाराष्ट्र में तो एकदम लेटेस्ट सियासी उठापटक हुआ और शिवसेना दो धड़ों में टूट गई और भाजपा के साथ शिवसेना शिंदे गुट ने मिलकर सरकार बना ली तब भी केंद्रीय नेतृत्व इतना ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रहा था. लेकिन, बिहार में चल रहे सियासी भूचाल के बीच भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय है. एक तो बिहार और यूपी की राजनीति का पूरे हिंदू पट्टी पर असर देखने को मिलता है. वहीं बिहार के रास्ते विपक्ष INDI अलायंस बनाकर इस बार भाजपा को मात देने की तैयारी में थी जिसे रोकना भी जरूरी था और इसके लिए बिहार में सियासी बदलाव बहुत जरूरी था. 

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ऐसे में बिहार में चल रही सियासी गहमागहमी के बीच दिल्ली में अमित शाह और जेपी नड्डा के आवास पर भी खूब सरगर्मी रही. लगातार जेपी नड्डा और अमित शाह के आवास पर भाजपा नेताओं और बिहार के अन्य नेताओं की बैठक होती रही. ऐसे में अब तो लगभग तस्वीर साफ हो रही है कि बिहार में राजद-जदयू-कांग्रेस महागठबंधन की सरकार जाने वाली है और ऐसे में भाजपा नीतीश कुमार के साथ खड़ी होगी. 

अमित शाह और जेपी नड्डा कल आ सकते हैं पटना 
गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कल रविवार को पटना पहुंच सकते हैं. इस तरह माना जा रहा है कि रविवार को ही नीतीश कुमार की नई सरकार का शपथ ग्रहण हो सकता है. भाजपा के दोनों वरिष्ठ नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं.

वहीं बता दें कि भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 के पहले बिहार में इस तरह का सियासी परिवर्तन करके विपक्ष को यह बताने की कोशिश में है कि उनके लिए I.N.D.I.A की राह इतनी आसान नहीं होने वाली है. जिस नीतीश कुमार ने इस पूरे गठबंधन की आधारशिला रखी अगर वही अलग हो गए तो इश गठबंधन का भविष्य क्या होगा. 

वहीं बिहार में चल रहे सियासी बवाल के बीच भाजपा बैठक में प्रस्ताव पारित कर विधायकों का समर्थन पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपने की तैयारी है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि समर्थन पत्र और विधायकों की संख्या के साथ आज ही राजभवन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जायेंगे. वहां वह इस्तीफा देकर नए गठबंधन के साथ सरकार बनाने का आज ही दावा पेश करेंगे. ऐसे में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने सभी विधायकों को आज ही शाम को 7 बजे पटना में मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचने को कहा है. राजद की कोशिशों के बीच संभव है कि आज ही नीतीश कुमार इस्तीफा देने के बाद शपथ ग्रहण भी कर लें.

ऐसे में नीतीश अगर भाजपा के साथ अगर गठबंधन में सरकार बनाते हैं तो इस बार भाजपा का पावर शेयरिंग फॉर्मूला बदल गया है. भाजपा के सूत्रों की मानें तो नीतीश को समर्थन देने को लेकर भाजपा ने दो डिप्टी सीएम और विधानसभा अध्यक्ष पद की मांग की है. वहीं इसके साथ ही सूत्र यह भी बता रहे हैं कि भाजपा आज ही नीतीश को अपना समर्थन पत्र भी सौंप सकती है ताकि सरकार बनाने में कोई परेशानी ना हो. वहीं सूत्र बता रहे हैं कि इस बार नीतीश से पॉवर शिफ्ट कर भाजपा अपने हाथ में लेना चाहती है. ऐसे में  भाजपा विधानसभा स्पीकर का पद अपने पास रखेगी. 

इधर बता दें कि बिहार में जेडीयू और राजद की तल्खी एकदम खुलकर सामने आने लगी है. पहली बार आरजेडी के विरोध में जेडीयू की तरफ से बयान आया है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राजद नेतृत्व बैचेन है क्योंकि कारण साफ है. इन लोगों की आदत में शुमार रहा है नौकरी के बदले जमीन लेने का. 2 लाख 15 हजार शिक्षकों की बहाली सीएम ने तय सीमा में की. जिसमें न पदस्थापन में चल पाया न नौकरी देने में चल पाया. स्वभाविक है ऐसे में राजद के नेता अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं. इस पर रोक लगाइए वर्ना अंजाम राजनीति में बेहतर नहीं होगा. 

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