पटना : बिहार के आरा जिले में हाल ही में सीबीआई ने आरजेडी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के करीबी रहे अरुण यादव के घर पर छापेमारी की है. इससे पहले भी 2023 में भी सीबीआई ने उनके आवास पर छापेमारी की थी. आरजेडी के विधायक किरण देवी और उनके पति अरुण यादव का नाम बालू कारोबार और लैंड फॉर जॉब मामले में गूंथा जा रहा है.
सीबीआई की टीम ने सुबह ही अरुण यादव के अंगियांव स्थित आवास पर दस्तक दी, लेकिन उन्हें वहां नहीं पाया गया. विधायक किरण देवी तो घर में मौजूद थीं, उन्हें भी सीबीआई ने नोटिस सौंपा है. समन में क्या लिखा गया है और उन्हें कब पूछताछ के लिए बुलाया गया है, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिली है, लेकिन इसका संबंध बालू कारोबार या लैंड फॉर जॉब मामले से हो सकता है. यह बात ध्यान रखने योग्य है कि पहले भी 2023 में सीबीआई ने आरजेडी विधायक किरण देवी और पूर्व विधायक अरुण यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसमें उनके पति अरुण यादव के बड़े बालू कारोबार से जुड़े आरोप थे. यह भी जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने पिछले चुनाव में संदेश विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जब उनके पति को कोर्ट ने बरी कर दिया था.
इस समय बिहार सीबीआई द्वारा की गई यह छापेमारी सीबीआई के बड़े मामलों में से एक है, जिसमें आरजेडी के करीबी अरुण यादव को फिर से गहरे परिक्षण का सामना करना पड़ सकता है. यह सीबीआई के संज्ञान में आए आरोपों के सीधे संदर्भ में नहीं है, लेकिन बालू कारोबार और लैंड फॉर जॉब मामले के चलते सीबीआई ने इस मामले में कदम उठाया है. यह स्थिति दिखा रही है कि बिहार में राजनीति और कारोबारी स्तर पर कुछ उलझनें हो सकती हैं जिसमें आरजेडी के नेतृत्व में होने वाली इस छापेमारी का बड़ा हिस्सा है. इसका असर राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं पर भी हो सकता है. जनता की दृष्टि से भी इस मामले पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है, क्योंकि यह सीबीआई द्वारा उठाए गए कदमों के पीछे कुछ सचाई हो सकती है.
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