Bihar Politics: बिहार में जिस तेजी से राजनीतिक घटनाक्रम बदल रहा है उसमें कब क्या हो जाए कोई नहीं बता सकता है. एक तरफ जहां महागठबंधन के दल सरकार बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी राजद ने मिलकर बड़ा दांव खेला है.
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सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि इस सब के बीच बिहार में भाजपा अपने सभी सहयोगी दल को एक साथ एक मंच पर लाने की कोशिश में लग हुई है. जबकि कांग्रेस और राजद की कोशिश है कि किसी तरह से एनडीए में शामिल हुई पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को अपने पाले में लाया जाए. ताकि बिहार में नीतीश के लिए मुसीबत बड़ी हो सके.
ऐसे में बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल को पार्टी ने राज्य में पर्यवेक्षक बनाया है और वे शनिवार शाम को पटना पहुंच रहे हैं. इसके अलावा खबर यह भी सामने आ रही है कि भूपेश बघेल और राहुल गांधी ने हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा से बातचीत की है. बताया जा रहा है कि संतोष मांझी को डिप्टी सीएम या फिर जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद ऑफर दिया गया है.
इससे पहले शुक्रवार को जीतन राम मांझी से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की मुलाकात भी हुई थी. इसके बाद जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि राजनीति में कोई किसी का स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है. वहीं जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन ने दावा किया था कि बिहार की सरकारल एक दो दिन में गिर जाएगी.
इसके साथ ही भाजपा की तरफ से नीतीश को लेकर संकेत दिए गए हैं कि राजनीति में कोई भी पार्टी किसी के लिए भी दरवाजे स्थायी रूप से बंद नहीं करती है. ये बंद दरवाजे समय आने पर खुल जाते हैं. ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व को त करना है कि दरवाजे कब खुलने हैं. हालांकि 2022 में नीतीश ने जब भाजपा से नाता तोड़ा था तो तब से पार्टी की तरफ से यह कहा जा रहा था कि नीतीश के लिए उनके दरवाजे स्थायी रूप से बंद हैं.