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Bihar News: बिहार में दही-चूड़ा लाएगी सियासी मिठास, आखिर नीतीश के मन में चल क्या रहा है?

बिहार की सियासत में नीतीश कुमार के कदम को समझने वाला कोई नहीं है. नीतीश कुमार का अंदाज ऐसा होता है कि उनके विपक्षी तो छोड़िए उनके साथ के घटक दल के नेता भी उनके अगले कदम के बारे में अंदाजा नहीं लगा पाते हैं. नीतीश के अलावा किसी को नहीं पता होता कि वह आगे क्या करने वाले हैं.

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फाइल फोटो
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Gangesh Thakur|Updated: Jan 15, 2024, 11:08 PM IST
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Bihar News: बिहार की सियासत में नीतीश कुमार के कदम को समझने वाला कोई नहीं है. नीतीश कुमार का अंदाज ऐसा होता है कि उनके विपक्षी तो छोड़िए उनके साथ के घटक दल के नेता भी उनके अगले कदम के बारे में अंदाजा नहीं लगा पाते हैं. नीतीश के अलावा किसी को नहीं पता होता कि वह आगे क्या करने वाले हैं. वैसे आज बिहार में सियासत की एक नई तस्वीर देखने को मिली. जब 90 दिन बाद नीतीश कुमार लालू यादव से उनके आवास पर मिले. कार्यक्रम था मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा भोज का जिसका आयोजन लालू यादव ने 4 साल बाद किया था. अब इस दही-चूड़ा भोज से कितनी मिठास राजद और जदयू के रिश्तों में आएगी यह तो समय बताएगा. लेकिन, यह पता चला है कि नीतीश कुमार जब लालू यादव के घर पहुंचे तो इस बार राजद सुप्रीमो ने नीतीश को टीका भी नहीं लगाया. 

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नीतीश 10 मिनट वहां रूके लेकिन कुछ ज्यादा बातचीत नहीं हुई. हालांकि राबड़ी आवास में नीतीश कुमार ने मैन गेट से एंट्री नहीं ली वह पीछे के गेट से अंदर गए और बैक गेट से बाहर भी पैदल ही निकल गए. नीतीश के स्वागत के लिए पीछे के दरवाजे पर तेजस्वी यादव खड़े थे और उन्हें बाहर निकलते वक्त भी छोड़ने के लिए गेट तक तेजस्वी यादव ही आए. इस दौरान नीतीश पत्रकारों से बिना बात किए ही निकल गए. ऐसे में बिहार की सियासत में चर्चा का दौर चल निकला है. क्योंकि यह नीतीश कुमार का अंदाज तो बिल्कुल नहीं है. 

अब सब यह जानना चाह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने आखिर बैक गेट से राबड़ी आवास में एंट्री क्यों की, नीतीश जो पत्रकारों से इतने प्यार से मिलते हैं सवालों के जवाब देते हैं वह उनसे बचकर क्यों निकल गए. आखिर नीतीश कुमार के मन में चल क्या रहा है? 

इस सबके पीछे जो सबसे बड़ी वजह है वह है कि नीतीश कुमार को लेकर चर्चा आम है कि वह मकर संक्रांति के बाद कोई बड़ा फैसला लेने को तैयार हैं. ऐसे में यह जरूर सवाल उठा कि वह राबड़ी आवास पहुंचे और 10 मिनट रूककर वापिस क्यों हो गए. इस तरह के कयास के पीछे की वजह यह है कि इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग के मामले पर कुछ ज्यादा बात नहीं हो पाई है. नीतीश ने इसके संयोजक बनने से भी इंकार कर दिया है. ऐसे में नीतीश ने लालू के पाले में सबकुछ डालकर बहुत कुछ इशारों में बता दिया है. 

हालांकि नीतीश का राबड़ी आवास पर आना इस बात का संकेत देने की कोशिश है कि सबकुछ ठीक है. लेकिन अब सवाल उठने की वजह यह है कि ललन सिंह के साथ होते हुए भी नीतीश इतने कम समय में लालू के आवास से निकल आए. हालांकि नीतीश के निकलते ही तेजस्वी ने दावा कर दिया कि महागठबंधन में सब ठीक है और उन्हें बेकार की फैली बातों पर सफाई देने की कोई जरूरत नहीं है. 

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