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Bihar News: NDA में आए नीतीश फिर भी चिराग खुश नहीं, अभी भी दिल में लिए बैठे हैं नीतीश का कांटा

बिहार की सियासी फिजा एकदम से बदली. NDA का साथ नीतीश को भाया तो उन्होंने महागठबंधन को झटका दे दिया और वह मुख्यनमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश लेकर राज्यपाल से मिल आए.

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फाइल फोटो
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Gangesh Thakur|Updated: Jan 28, 2024, 03:53 PM IST
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Bihar News: बिहार की सियासी फिजा एकदम से बदली. NDA का साथ नीतीश को भाया तो उन्होंने महागठबंधन को झटका दे दिया और वह मुख्यनमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश लेकर राज्यपाल से मिल आए. अब शाम होते-होते एक बार फिर बिहार में सरकार का गठन होगा लेकिन बस मंत्रीमंडल बदलेगा क्योंकि मुख्यमंत्री के तौर पर नौंवी बार नीतीश कुमार ही कह रहे होंगे कि मैं नीतीश कुमार ईश्वर की शफथ लेता हूं.... ऐसे में बिहार में सबसे ज्यादा जिस पर सियासी नजर लोगों की टिकी है वह चिराग पासवान हैं. नीतीश को अपना और अपने को नीतीश का दुश्मन बताने वाले चिराग पासवान और नीतीश की दुश्मनी की वजह भी बड़ी अलग रही है. 

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दरअसल चिराग पासवान के पिता स्वर्गीय राम विलास पासवान और नीतीश कुमार बहुत अच्छे मित्र रहे. लेकिन, राम विलास पासवान के निधन के बाद चिराग की पार्टी लोजपा दो भागों में टूट गई. चिराग पासवान इसमें अकेले रह गए और चाचा पशुपति पारस बाकि सांसदों को लेकर अलग हो गए. ऐसे में चिराग पासवान ने साफ कहा कि भाजपा के कहने पर नीतीश ने पार्टी तोड़ने का काम किया और उनकी पार्टी में टूट के लिए वही जिम्मेदार हैं. इसके बाद साल 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव आया. चिराग पासवान खुलकर भाजपा का समर्थन और नीतीश की पार्टी का विरोध करते दिखे. जहां-जहां जिन सीटों पर जदयू ने उम्मीदवार उतारे वहां-वहां चिराग ने भी उम्मीदवार खड़े कर दिए. हालात यह हुआ कि जदयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई. इसके बाद कई मंचों से नीतीश यह दोहराते भी रहे कि भाजपा के इशारे पर चिराग पासवान ने साजिश रची और उन्हें बिहार में नुकसान पहुंचाया गया. 

ऐसे में अब जब नीतीश NDA में शामिल होने जा रहे हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवान भाजपा के लिए मुसीबत बन सकते हैं, वह नीतीश की NDA में वापसी से नाराज हैं लेकिन, जाहिर नहीं होने दे रहे हैं. चिराग नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल होने जाएंगे लेकिन, NDA के एक सहयोगी दल की हैसियत से. उन्होंने साफ कहा कि आनेवाले दिनों में इस सरकार की रूपरेखा कैसी होगी इस पर उनकी पैनी नजर रहेगी. उन्होंने कई बार कहा है कि नीतीश कुमार से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. लेकिन, वह नीतिगत तौर पर नीतीश का विरोध करते थे और आज भी करते हैं. 

चिराग पासवान ने कहा कि देखना होगा कि नई सरकार को किस न्यूनतम साझा प्रोग्राम के तहत चलाया जाता है.  उन्होंने कहा कि अगर नीतीश की नीतियों के आधार पर ही बिहार में सरकार चलेगी तो उनका विरोध जारी रहेगा. उन्होंने साफ कहा कि नीतीश की नीतियों की वजह से बिहार का विकास नहीं हो पाया. हालांकि उन्होंने साफ कहा कि लोकसभा चुनाव आने वाला है ऐसे में पीएम मोदी के द्वारा राष्ट्रहित में जो फैसले लिए गए हैं उसके साथ उनकी पार्टी खड़ी है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जरूर यह भी नहीं है कि गठबंधन के हर फैसले से उसके सभी दल सहमत हों. 

बता दें कि चिराग पासवान शनिवार को दिल्ली में जेपी नड्डा और अमित शाह से मिले थे. ऐसे में उन्होंने कहा था कि वह बिहार के बदलते सियासी हालात से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अवगत करा दिया था और चिंता भी जाहिर कर दी थी. ऐसे में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी नीतीश और चिराग के बीच की सियासी दुश्मनी को खत्म कराने की कोशिश में लगा हुआ है.  

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