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Madhepura News: 1.44 करोड़ रुपये के गबन का आरोप, नगर परिषद में मचा हड़कंप

Madhepura News: वार्ड पार्षद प्रभाकर कुमार और जय शंकर कुमार का कहना है कि सरकारी पैसे की गड़बड़ी के कारण नगर परिषद क्षेत्र में विकास के काम रुक गए हैं. उन्होंने नगर विकास आयोग से इस मामले की जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.  

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Madhepura News: 1.44 करोड़ रुपये के गबन का आरोप, नगर परिषद में मचा हड़कंप
Madhepura News: 1.44 करोड़ रुपये के गबन का आरोप, नगर परिषद में मचा हड़कंप
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jan 12, 2025, 11:47 AM IST
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मधेपुरा: मधेपुरा नगर परिषद में विकास कार्यों को लेकर एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है. कार्यपालक पदाधिकारी सुश्री तान्या कुमारी पर 1.44 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है. प्याऊ और शौचालय निर्माण कार्यों में अनियमितताओं के चलते यह मामला उभरा है, जिससे शहर में हड़कंप मच गया है.

क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र में लगे प्याऊ और शौचालय निर्माण में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं. वार्ड पार्षदों का आरोप है कि बिना प्रशासनिक स्वीकृति के 1.44 करोड़ रुपये की सरकारी राशि निकाली गई. उन्होंने कहा कि जहां एक प्याऊ की लागत 2 लाख रुपये होनी चाहिए थी, वहीं एक प्याऊ पर 9.05 लाख रुपये खर्च दिखाया गया. इसके अलावा, शौचालय निर्माण और मरम्मत के नाम पर करोड़ों की राशि का गबन किया गया है.

वार्ड पार्षदों का रोष
वार्ड पार्षद प्रभाकर कुमार और जय शंकर कुमार ने कहा कि सरकारी धन की बंदरबांट से नगर परिषद क्षेत्र में विकास कार्य ठप हो गए हैं. पार्षदों ने नगर विकास आयोग से मामले की जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

कार्यपालक पदाधिकारी का पक्ष
कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि राशि की निकासी सशक्त बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के आधार पर की गई है. तान्या कुमारी ने यह भी कहा कि मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षदों से सहयोग न मिलने के कारण कई विकास कार्य बाधित हो रहे हैं.

छोटे से बड़े मुद्दे की ओर
यह विवाद तब उभरा जब मुख्यमंत्री के प्रगति यात्रा से पहले नगर परिषद के कार्यों की समीक्षा की जा रही थी. पार्षदों का कहना है कि यह मामला सिर्फ प्याऊ और शौचालय तक सीमित नहीं है, बल्कि नगर परिषद के पूरे कामकाज में पारदर्शिता की कमी है.

जांच और कार्रवाई की मांग
शहरवासियों और वार्ड पार्षदों ने नगर विकास आयोग से मामले की गहन जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इस घोटाले के कारण न केवल नगर परिषद की साख पर सवाल उठे हैं, बल्कि शहर के विकास कार्य भी प्रभावित हुए हैं. अब सभी की नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह पता चलेगा कि आरोपों में कितनी सच्चाई है.

इनपुट-  शंकर कुमार

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