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Bihar Weather: धोखा दे रहा मानसून! पानी के लिए तरस रहे किसान, जानें फिर कब से होगी बारिश

Bihar Weather Update: बिहार में मानसून की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. कम बारिश के चलते किसान खेती को लेकर परेशान हो रहे हैं.

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बिहार वेदर रिपोर्ट
बिहार वेदर रिपोर्ट
Shubham Raj|Updated: Jul 13, 2025, 08:45 AM IST
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Bihar Weather Update: जुलाई का महीना खेती के लिए, खासकर धान की रोपनी के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इस बार बिहार में मानसून की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. जिस समय खेतों में हल जोतने और रोपनी का काम जोरों पर होना चाहिए था, उस समय राज्य में बारिश का नामोनिशान तक नहीं है. तापमान लगातार बढ़ रहा है और खेतों में पानी के अभाव के कारण किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. मानो इंद्रदेव इस बार बिहार से रूठ गए हों.

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राज्य में अब तक 53% कम बारिश दर्ज की गई है, जो खरीफ की खेती के लिए बेहद नुकसानदायक मानी जा रही है. शनिवार को केवल गया में हल्की बूंदाबांदी देखने को मिली, जबकि अन्य जिलों में मौसम पूरी तरह सूखा रहा. कई जिलों में सूखे जैसे हालात बन चुके हैं, जिससे खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं और धान की रोपनी का कार्य ठप हो गया है.

क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम विज्ञान केंद्र पटना (IMD) के अनुसार, अभी बिहार के आसमान में कोई भी सक्रिय मौसमी सिस्टम मौजूद नहीं है, लेकिन 15 जुलाई से मौसम में बदलाव की उम्मीद की जा रही है. इस दिन से प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जो किसानों के लिए राहत की सबसे बड़ी खबर होगी. वहीं आज यानी रविवार को सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और कटिहार में हल्की बारिश की संभावना है, जबकि अन्य जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है. हालांकि, मौजूदा मौसम के रुझानों के अनुसार अनेक जिले पूरी तरह शुष्क रह सकते हैं.

धान की खेती
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष धान की खेती का लक्ष्य 37 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया है. लेकिन अब तक सिर्फ 2.50 लाख हेक्टेयर (लगभग 18%) में ही धान की रोपनी हो सकी है. सीमांचल और उत्तर बिहार के कुछ जिलों में सबसे अधिक रोपनी हुई है, लेकिन शेष जिलों में पानी की कमी के कारण खेती ठप है. खास बात यह है कि 99% बिचड़ा (धान का पौधा) तैयार हो चुका है, लेकिन रोपाई के लिए जरूरी पानी नहीं होने के कारण यह खेतों में नहीं जा पा रहा है. यानी बारिश हुई तो फसल बचेगी, नहीं तो बड़ी तबाही तय है.

तापमान का हाल
बारिश नहीं होने से तापमान में एक बार फिर तेज़ी से इज़ाफा हो रहा है. पिछले कुछ दिनों में तापमान 40°C के पार चला गया था. हालांकि एक दिन की बारिश ने थोड़ी राहत दी, लेकिन अब फिर से गर्मी बढ़ने लगी है. 12 जुलाई को मोतिहारी में सबसे अधिक तापमान 37.8°C दर्ज किया गया. मौसम विभाग का कहना है कि सोमवार के बाद दिन के तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है, यदि बारिश शुरू हो गई तो. वहीं बिहार के किसान मानसून के सक्रिय होने की घड़ी गिन रहे हैं. तैयार फसल खेतों में जाने का इंतजार कर रही है, लेकिन पानी की कमी ने सब कुछ रोक दिया है.

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