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Ayodhya Ram Mandir: मुगल सम्राज्य में किसने बनवाई थी मस्जिद, रामलला की कब मिली थी मूर्ति, जानिए श्रीराम जन्म भूमि का इतिहास

Ram Mandir History : 1528 में मुगल साम्राज्य के समय में मीर बाकी ने यहां एक मस्जिद बनवाई थी, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ. हिंदू समुदाय का दावा था कि यहां पहले से ही भगवान राम का मंदिर था और इसे मस्जिद के निर्माण में बराबरी के अंश में शामिल किया गया.

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Ayodhya Ram Mandir: मुगल सम्राज्य में किसने बनवाई थी मस्जिद, रामलला की कब मिली थी मूर्ति, जानिए श्रीराम जन्म भूमि का इतिहास
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Jan 02, 2024, 02:44 PM IST
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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है. यह वो पावन स्थान है जहां भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. इस स्थान का इतिहास बहुत लंबा है, जिसमें अनेक चरण और परिस्थितियां शामिल हैं. अयोध्या के इतिहास में प्राचीन काल से ही भगवान श्रीराम का विशेष स्थान रहा है. सूर्यवंशी राजा दशरथ के महल में ही श्रीराम का जन्म हुआ था. इस नगरी की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व की चर्चा वाल्मीकि रामायण में भी है, जो नगरी को दूसरा इंद्रलोक कहने में न हो रहे हैं.

कुश ने फिर से अयोध्या का कराया पुनर्निर्माण  (Ram Janmabhoomi)
भगवान श्रीराम के जल समाधि लेने के बाद अयोध्या नगरी में कुछ समय का उजाड़ हो गया था. रामजी के पुत्र कुश ने फिर से अयोध्या का पुनर्निर्माण कराया और सूर्यवंश की 44 पीढ़ियों तक इसका आगे का संचालन किया. हालांकि, महाभारत काल के बाद भी अयोध्या फिर से उजाड़ हो गई थी. प्राचीन कथाएं कहती हैं कि भगवान श्रीराम के जल समाधि लेने के बाद और महाभारत युद्ध के बाद भी अयोध्या के उजाड़ होने और फिर से बसने का वर्णन है.

मुगल साम्राज्य के समय में मीर बाकी ने बनवाई थी मस्जिद (Ram Mandir History)
श्रीराम जन्म भूमि के विवादों ने इस स्थान को 500 सालों तक दुनिया की नजरों में रखा. 1528 में मुगल साम्राज्य के समय में मीर बाकी ने यहां एक मस्जिद बनवाई थी, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ. हिंदू समुदाय का दावा था कि यहां पहले से ही भगवान राम का मंदिर था और इसे मस्जिद के निर्माण में बराबरी के अंश में शामिल किया गया. मस्जिद के निर्माण के बाद भी श्रीराम की जन्मभूमि कभी नष्ट नहीं हुई.

1949 में रामलला की मिली थी मूर्ति (who is Ayodhya Temple Priest)
1853 से 1949 तक कई घटनाएं घटीं, जिसमें 1949 में रामलला की मूर्तियां मिलीं. जिसके बाद विवादित ढांचा बन गया. 1992 में रामलला के भव्य मंदिर के लिए अभियान के तहत एक गुप्त ढांचा उठा दिया गया, जिससे बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ था. इसके बाद तो विवादों और आंदोलनों की सीधी परिस्थितियां बदल गईं और 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने श्रीराम जन्मभूमि को हिंदू समुदाय को सौंपने का आदान-प्रदान किया.

22 जनवरी 2024 को होगा मंदिर का उद्घाटन (Ram Mandir Inauguration)
इस पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया और अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के भव्य मंदिर की नींव रखी गई. इससे एक नया अध्याय शुरू हुआ और भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या ने एक नया रूप धारित किया. 22 जनवरी 2024 को भगवान राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है.

Disclaimer: यह सूचना केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और इसे दृष्टिकोण से लेकर विचार करना महत्वपूर्ण नहीं है. किसी भी प्रमाण पर जानकारी प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञों से सलाह लेना अच्छा होता है.

 

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