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Bihar Bridge Collapse: बिहार में एक के बाद एक क्यों गिर रहे पुल? एक ब्रिज इंजीनियर ने बताए कारण!

Bihar Bridge Collapse: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को पुराने पुलों की स्थिति की जानकारी लेने और उनका निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. सभी पुलों के रखरखाव के लिए उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है. 

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बिहार में पुलों का गिरना जारी (फाइल फोटो)
बिहार में पुलों का गिरना जारी (फाइल फोटो)
K Raj Mishra|Updated: Jul 04, 2024, 01:57 PM IST
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Bihar Bridge Collapse: बिहार में इन दिनों पुलों का गिरना बदस्तूर जारी है. कल (बुधवार, 3 जुलाई) तो हद ही हो गई. बुधवार को राज्य के दो जिलों सीवान और छपरा में एक ही दिन में 5 पुल ध्वस्त हो गए. लगातार पुल गिरने की इन घटनाओं पर सियासी बयानबाजी जारी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार की ईमानदारी से तंग आकर पुल आत्महत्या कर रहे हैं. वहीं अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित याचिका डाली गई है. एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल करके पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की मांग की है. बड़ा सवाल ये है कि अचानक एक के बाद एक पुल कैसे गिर रहे हैं? इस तरह से पुलों का गिरना महज संयोग है या कोई बड़ा षड़यंत्र?

इस मामले में चौतरफा आलोचना झेल रहे सीएम नीतीश कुमार एक्शन में आ गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सीएम आवास पर पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के साथ बैठक की. बैठक में सीएम ने पुलों के रखरखाव के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया है. जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग पुलों के रखरखाव के लिए एक एसओपी तैयार करके सभी पुलों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित कराए का आदेश दिया है. इसके साथ ही पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग पथों और पुलों के रखरखाव को लेकर सतर्कता बरतने और लगातार निगरानी करते रहने का आदेश दिया है.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जितने भी पुराने पुल हैं, उसकी स्थिति की जानकारी लें और स्थल पर जाकर निरीक्षण करें. सभी पुलों के रखरखाव के लिये उचित कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि जो भी निर्माणाधीन पुल हैं, उसका निर्माण कार्य गुणवतापूर्ण तरीके से ससमय पूर्ण कराएं. उधर सिवान जिले में छाड़ी नदी पर बने दो पुलों के गिरने पर जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि 'छाड़ी' एक मृत नदी थी यानी उसमें पानी नहीं था, लेकिन 'जल जीवन हरियाली' मिशन के तहत इस नदी को जीवित किया गया है. जिसके कारण इलाके में हजारों एकड़ में फैले खेतों की सिंचाई संभव हो पाई है. उन्होंने कहा कि यह मृत नदी थी, इसलिए इस पर बने पुल भी 40-45 साल पुराने हैं. उन्होंने कहा कि जो पुल गिरे हैं, वे ईंट की नींव पर बने हैं. ये बहुत मजबूत नहीं होते हैं.

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बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में मौजूद सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के ब्रिज इंजीनियरिंग एंड स्ट्रक्चर डिविजन के चीफ साइंटिस्ट डॉ. राजीव कुमार गर्ग ने अपनी टीम के साथ पुलों के गिरने पर एक विस्तृत अध्ययन किया है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा पुल बाढ़, भूकंप और आंधी जैसी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से गिरते हैं. उन्होंने पाया कि देश में बाढ़ की वजह से ही करीब 52 फीसदी पुल गिरते हैं और इसका एक बड़ा कारण नदियों पर अवैध खनन है. जिससे पुल की जड़ें कमजोर हो जाती हैं. भ्रष्टाचार की वजह से 10 फीसदी से ज्यादा पुल गिर जाते हैं. वहीं 4.13% ब्रिज गलत डिजाइन की वजह से करीब गिरते हैं.

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