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Bihar Lok Sabha Results 2024: राजग का पलड़ा भारी, विपक्षी महागठबंधन की भी स्थिति में सुधार

Bihar Lok Sabha Results: बिहार की 40 लोकसभा सीट में से तीन-चौथाई सीट पर जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने प्रदेश पर अपनी पकड़ बनाए रखी लेकिन महागठबंधन भी अपनी स्थिति में सुधार कर नौ सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब रहा.

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Bihar Lok Sabha Results 2024: राजग का पलड़ा भारी, विपक्षी महागठबंधन की भी स्थिति में सुधार
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jun 05, 2024, 07:50 AM IST
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पटना: Bihar Lok Sabha Results: बिहार की 40 लोकसभा सीट में से तीन-चौथाई सीट पर जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने प्रदेश पर अपनी पकड़ बनाए रखी लेकिन महागठबंधन भी अपनी स्थिति में सुधार कर नौ सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब रहा. भाजपा और जनता दल यूनाइटेड को 12-12 सीट जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने पांच सीट पर जीत हासिल की. पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने गया से चुनाव जीता. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग गठबंधन को 40 में से 39 सीट पर जीत हासिल हुई थी. इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर (20.51 प्रतिशत) उसकी सहयोगी पार्टी जद (यू) (18.53 प्रतिशत) से अधिक रहा. हालांकि पार्टी ने 17 सीट पर चुनाव लड़ा था. 

मुजफ्फरपुर से भाजपा उम्मीदवार राज भूषण चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय निषाद को 2.35 लाख मतों के अंतर से हराकर सबसे बड़ी जीत दर्ज की. मौजूदा सांसद अजय निषाद ने भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. भाजपा के प्रमुख नेता, जो विजयी हुए उनमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (बेगूसराय) और नित्यानंद राय (उजियारपुर) के अलावा अनुभवी नेता राजीव प्रताप रूडी शामिल हैं, जिन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य को हराकर सारण में लगातार तीसरी जीत हासिल की. आरा से दूसरी बार सांसद रहे भाजपा के एक अन्य केंद्रीय मंत्री आरके सिंह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के प्रत्याशी सुदामा प्रसाद से सीट हार गए. 

चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट पर 1.70 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की. उनकी पार्टी के अन्य सभी उम्मीदवारों ने भी अपनी-अपनी सीट पर जीत दर्ज की. चिराग की पार्टी के विजेताओं में उल्लेखनीय समस्तीपुर से शांभवी चौधरी रही, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ‘सबसे कम उम्र की राजग उम्मीदवार’ बताया था. विपक्षी खेमे में राजद को सबसे अधिक वोट शेयर (22.14 प्रतिशत) मिला. हालांकि यह उसे मिली सीट (चार) की संख्या में परिलक्षित नहीं हुआ. राजद का पिछले आम चुनाव में खाता तक नहीं खुला था. 

प्रमुख राजद विजेताओं में लालू प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती (पाटलिपुत्र) शामिल हैं, जो इस सीट से अपने परिवार के लिए अपशकुन के संकट को तोड़ने में सफल रहीं. बिहार की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर तीन बार हार का सामना कर चुका लालू प्रसाद का परिवार इस बार भारती की जीत सुनिश्चित करने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रहा था. वर्ष 2009 से ही लालू प्रसाद और मीसा भारती इस सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं पर इस परिवार को हमेशा बगावत करने वाले अपने ही विश्वासपात्र लोगों के हाथों हार का सामना करना पड़ा. 

वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में लालू ने खुद मैदान में उतरने का फैसला किया पर उन्हें रंजन प्रसाद यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. राजद से बगावत करने के बाद रंजन प्रसाद यादव ने जद (यू) उम्मीदवार के तौर पर लालू को चुनौती दी थी. लालू के कभी काफी करीबी रहे रंजन प्रसाद यादव राजद छोड़कर उनके धुर विरोधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) में शामिल हो गए थे. वर्ष 2014 में राजद प्रमुख ने इस सीट से मीसा भारती को चुनावी मैदान में उतारा था पर उन्हें रामकृपाल यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा. राजद से बगावत करने के बाद रामकृपाल यादव ने भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और भारती के साथा-साथ जदयू प्रत्याशी रंजन प्रसाद यादव को भी पराजित कर दिया. 

कटिहार सीट पर कांग्रेस के अनुभवी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने जीत दर्ज की. वहीं काराकाट सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के प्रत्याशी ने भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह को एक लाख से अधिक मतों से हरा दिया. काराकाट सीट पर 2014 लोकसभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जीत हासिल की थी लेकिन वह इस बार करिश्मा दोहराने में असफल रहे. पूर्णिया एकमात्र ऐसी सीट रही, जहां निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की. कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन के पति और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करने के बाद भी टिकट नहीं मिल पाने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ा. पूर्णिया सीट से पप्पू यादव ने दो बार के जदयू सांसद अभय कुशवाहा को लगभग 24,000 मतों से हराया. 

इनपुट- भाषा के साथ 

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