पटना: गोपाल खेमका मर्डर को लेकर बिहार के डीजीपी डॉ. विनय कुमार ने मंगलवार शाम को एक एक कर सारी परतें खोलकर रख दीं. शाम 5 बजे पुलिस हेडक्वार्टर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डीजीपी पूरे दल बल के साथ बैठे थे. प्रेस कांफ्रेंस में डीजीपी ने बताया कि गोपाल खेमका का मर्डर क्यों किया गया? मर्डर के पीछे जमीन विवाद का मामला सामने आ रहा है. डीजीपी के साथ प्रेस कांफ्रेंस में पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा भी मौजूद थे.
प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि शूटर उमेश यादव ने पूरे कांड में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है. इसके अलावा मौका ए वारदात से पिस्टल के साथ 2 मैगजीन मिले हैं, जिसमें 14 राउंड गोलियां भी मिलीं. पुलिस का दावा है कि उमेश यादव ने यह भी स्वीकार किया है कि इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड अशोक साव है. उन्होंने बताया कि गोपाल खेमका की मर्डर की साजिश डेढ़ साल पहले रची गई थी.
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि अशोक साव ने न केवल गोपाल खेमका के मूवमेंट की पूरी जानकारी उमेश यादव के साथ शेयर की, बल्कि हत्या करने के लिए और विकास उर्फ राजा के माध्यम से हथियार भी उपलब्ध कराए. पुलिस की ओर से बताया गया कि हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद जेपी गंगा पथ पर गैंग मिला और वहां से सभी अलग अलग रास्ते हो लिए.
एसएसपी ने बताया कि पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है. पुलिस की छानबीन में उमेश यादव के पास से 3.65 लाख तो अशोक साव के घर से 6 लाख रुपये बरामद किए गए. अशोक साव के घर से भारी मात्रा में जमीन के कागजात भी बरामद किए गए. अब पुलिस गोपाल खेमका के मोबाइल, लैपटॉप और अशोक साव के पास मिले कागजात को मैच कराएगी. फिर इस बात का पता चल सकेगा कि आखिर जमीन के किस टुकड़े के लिए गोपाल खेमका की जान ली गई.
एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि पुलिस के पास गोपाल खेमका मर्डर और इसे लेकर दी गई सुपारी के पूरे सबूत मिले हैं. हत्याकांड की सुपारी 4 लाख रुपयों में तय हुई थी और 50 हजार रुपये एडवांस दिए गए थे. बाकी के पैसे अशोक साव ने 5 जुलाई यानी हत्या के अगले दिन जेपी गंगा पथ पर शूटरों को दे दिए.
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