पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की आयु में गुरुवार देर शाम निधन हो गया. देश और दुनिया भर में डॉ. सिंह के निधन पर संवेदनाएं प्रकट की जा रही हैं और देश की प्रगति में उनके योगदान को याद किया जा रहा है. डॉ. सिंह की तत्कालीन सरकार के दौरान बिहार को क्या-क्या मिला, उसके बारे में बताएंगे. यह जगजाहिर है कि 2008 में जब कोसी ने अपना रौद्र रूप दिखाया था, तब केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार बिहार को तात्कालिक राहत के रूप में 1,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद के अलावा एक लाख टन अनाज देने का ऐलान किया था. डॉ. मनमोहन सिंह ने 28 अगस्त, 2008 को सुपौल, मधेपुरा और अररिया जिले का हवाई सर्वे भी किया था. इसके अलावा, डॉ. सिंह की तत्कालीन सरकार ने बिहार को क्या क्या दिया था, उसके बारे में बताते हैं:
- डॉल्फिन रिसर्च सेंटर
डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते पटना में पहले डॉल्फिन रिसर्च सेंटर को मंजूरी मिली थी. राज्य सरकार के प्रस्ताव को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने ही मंजूरी दी थी.
- एएमयू का कैंपस
यूपीए सरकार के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते बिहार के मुस्लिम बाहुल्य जिले किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का कैंपस खोला गया था.
- साउथ बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी
डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते बिहार को 2 सेंट्रल यूनिवर्सिटी मिले थे. पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय चंपारण के मोतिहारी में तो दूसरा दक्षिण बिहार के गया जिले में खोला गया था.
- विशेष राज्य के दर्जे के लिए कमेटी
जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, उस समय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की पुरजोर तरीके से मांग की थी. उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने के लिए वक्त भी मांगा था. उनकी मांग पर रघुराम राजन की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई थी.
- नालंदा यूनिवर्सिटी
डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही 2010 में नालंदा यूनिवर्सिटी अधिनियम ससंद से पारित किया गया था.