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Know Your Rights: महिलाओं को मिले हैं ये संवैधानिक अधिकार और कानून, जानें अपना हक

Women's Rights Now: महिलाओं के अधिकार समाज में उनकी समानता, गरिमा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए अहम हैं. भारतीय संविधान और कई कानूनों के तहत महिलाओं को कई अधिकार दिए गए हैं. इन अधिकारों का वह लाभ ले सकती हैं, जब वह पीड़ित हो.

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महिलाओं के संवैधानिक अधिकार (File Photo)
महिलाओं के संवैधानिक अधिकार (File Photo)
Shailendra |Updated: Jul 27, 2025, 11:42 AM IST
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Women's Rights: भारतीय संविधान महिलाओं को कई मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जो लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकते हैं. साथ ही समानता को बढ़ावा देते हैं. संविधान मिले अधिकार के अलावा भारत में कई कानून हैं, जो महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करते हैं. उन्हें सशक्त बनाते हैं. यहां ये समझना जरुरी है कि   महिला सशक्तिकरण का अर्थ है क्या होता है? दरअसल, महिलाओं को अपने जीवन से जुड़े फैसले खुद लेने और समाज में अपनी पूरी जगह बनाना होता है. महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक स्वतंत्रता और राजनीतिक भागीदारी जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ने में हेल्प करता है. चलिए इस ऑर्टिकल में जानने की कोशिश करते हैं कि महिलाओं के प्रमुख अधिकार क्या-क्या हैं? जो पूरे देश समेत बिहार की महिलाओं को भी मिलता है.

घरेलू हिंसा से सुरक्षा
घरेलू हिंसा के लिए महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 बनाया गया है. यह कानून महिलाओं को घरेलू हिंसा के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें शारीरिक, भावनात्मक, मौखिक, यौन और आर्थिक उत्पीड़न शामिल है. इसके तहत महिलाएं सुरक्षा, निवास, गुजारा भत्ता और बच्चों की कस्टडी की मांग कर सकती हैं.

दहेज निषेध अधिनियम में महिलाओं को काफी शक्ति मिलती है. इस कानून में दहेज के लेन-देन को प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही दहेज मांगने या स्वीकार करने पर सजा का प्रावधान किया गया है. इतना ही नहीं, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 (2005 में संशोधित) के बाद बेटियों को अपने पिता की पैतृक संपत्ति में बेटों के समान अधिकार दिए हैं.

यौन उत्पीड़न से महिलाओं का कार्यस्थल पर संरक्षण (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (POSH Act) बना है. इस कानून के तहत महिलाएं जहां काम करती हैं, वहां पर उनको यौन उत्पीड़न से बचाता है. साथ ही सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया गया है. बिहार सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं (बिहार की स्थायी निवासी) के लिए 35 फीसदी आरक्षण प्रदान करता है.

बिहार राज्य महिला आयोग
आपका अधिकार के तहत महिलाओं के खिलाफ अपराधों, लिंग-आधारित मुद्दों, महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन और सुरक्षा नहीं मिलने पर संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकती हैं. इसका काम होता है कि मुद्दों की जांच करना, नीतिगत बदलावों की सिफरिश करना, परामर्श प्रदान करना और मुकदमेबाजी में मदद करना.

​यह भी पढ़ें: Know Your Rights: बिहारियों को अपने इन हक और अधिकार के बारे में जरूर जानना चाहिए

कैसे करें कप्लेंट महिलाएं
बिहार में रहने वाली पीड़ित महिलाएं उनसे सीधे संपर्क करें (उनका ऑफिस आमतौर पर पटना में होता है). संपर्क विवरण और शिविर कार्यक्रम के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट https://mahilaayogbihar.in/ देखें. इस तरह से आप अपने अधिकारों का लाभ ले सकती हैं.

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