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Mission Sun and Venus: चांद और मंगल के बाद सूर्य, शुक्र ग्रह पर अब उतरेगा भारत, जानें कैसी है तैयारी

Mission Sun and Venus: वैज्ञानिकों के अनुसार, मिशन शुक्र आसान नहीं है. शुक्र ग्रह के बारे में कहा जाता है कि ये पेचीदा है. दरअसल, शुक्र ग्रह के सतह की संरचना भी सही किसी को जानकारी नहीं है. वैज्ञानिकों के अनुसार, शुक्र ग्रह पर महज 60 किलोमीटर की ऊंचाई पर बादल घने होते हैं. यह ग्रह धीमी गति से घूमता है.

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चंद्रमा और मंगल के बाद अब सूर्य शुक्र पर उतरेगा भारत (File Photo)
चंद्रमा और मंगल के बाद अब सूर्य शुक्र पर उतरेगा भारत (File Photo)
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Aug 23, 2023, 07:13 PM IST
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Mission Sun and Venus: इसरो के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 ने बुधवार (23 अगस्त, 2023) को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की. इसके साथ ही भारत चंद्रमा पर रोवर उतारने वाले दुनिया के देशों की सूची में शामिल हो गया. चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के सॉफ्ट लैंडिंग में सफल होने के बाद पूरे देश में जश्न मनाया गया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने ऐलान कर दिया कि अब भारत सूर्य के लिए एल 1 मिशन लांच होगा. शुक्र के लिए भी मिशन लांच होगा. गगनयान के लिए भी इसरो पूरी तैयारी से जुटा है. 

पीएम मोदी ने कहा कि भारत बार-बार साबित कर रहा है कि स्काई हैज नो लिमिट. आज के इस दिन को देश हमेशा हमेशा के लिए याद रखेगा. यह दिन हम सभी को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा. यह दिन हमें अपने संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाएगा. आइए इस ऑर्किटल में जानते हैं कि चांद और मंगल के बाद भारत अब सूर्य, शुक्र ग्रह पर उतरेगा तो तैयारी कैसी है.

बता दें कि भारत ने अपना पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन मंगलयान (Mission Mangal) 2013 में लॉन्च किया गया था. भारत साल 2014 में अपने पहली कोशिश में ही मंगल की कक्षा में प्रवेश करने वाला दुनिया का पहला मिशन बन गया था. मंगल पर सफलता मिलने के बाद साल 2022 में मंगलयान-2 की तैयारियों की बात सामने आ गई थी. साथ ही साल 2022 में ही संसद में यह भी जानकारी भी दी गई था कि शुक्रयान यानी मिशन वीनस (Mission Venus) की परिकल्पना की जा रही है. 

ये भी पढ़ें: भारत ने चूमे चांद के ‘कदम’, साउथ पोल पर चंद्रयान 3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग

क्यों है मिशन शुक्र मुश्किल?

वैज्ञानिकों के अनुसार, मिशन शुक्र आसान नहीं है. शुक्र ग्रह के बारे में कहा जाता है कि ये पेचीदा है. दरअसल, शुक्र ग्रह के सतह की संरचना भी सही किसी को जानकारी नहीं है. वैज्ञानिकों के अनुसार, शुक्र ग्रह पर महज 60 किलोमीटर की ऊंचाई पर बादल घने होते हैं. यह ग्रह धीमी गति से घूमता है.

कहा जा रहा है कि चुनौतियों के बावजूद साल 2028 तक इसे लॉन्च करने का एक अच्छा अवसर है. वैज्ञानिकों के अनुसार, शुक्र ग्रह पर जो यान भेजा जाएगा उसका काम होगा कि वह चारों तरफ चक्कर लगाकर पता लगाएगे कि शुक्र ग्रह की सतह के नीचे आखिर क्या है? हालांकि, शुक्र को सबसे गर्म ग्रह माना जाता है.

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2023 में इसरो के दो नए मिशन

दरअसल, इसरो ने इस साल 2023 में चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर सफल लैंडिंग करवा दी है. अब इसरों आदित्य-एल1 (सूर्य का अध्ययन करने वाला मिशन) को लेकर व्यस्त है. पहला सौर मिशन आदित्य एल1 साल 2023 के अंत तक लॉन्च हो सकता है. 

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