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CM नीतीश ने पटना संग्रहालय के नवनिर्मित भवन का किया उद्घाटन, निर्माणाधीन टनल भी देखा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना संग्रहालय के नवनिर्मित गंगा गैलरी,पाटली गैलरी एवं प्रेक्षा गृह का उद्घाटन किया.  बिहार संग्रहालय का भी उन्होंने किया निरीक्षण,बिहार संग्रहालय के पास निर्माणाधीन टनल का निरीक्षण कर निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना संग्रहालय का उद्घाटन किया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना संग्रहालय का उद्घाटन किया
Rupak Mishra|Updated: Jul 27, 2025, 02:21 PM IST
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Patna News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना संग्रहालय के नवनिर्मित गंगा गैलरी, पाटली गैलरी एवं प्रेक्षा गृह का शिलापट्ट अनावरण कर और फीता काटकर उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित भवन का निरीक्षण किया और वहां लगाये गये प्रदर्शों का बारीकी से अवलोकन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना संग्रहालय का उन्नयन एवं विस्तारीकरण कार्य बेहतर ढंग से किया जा रहा है. यह पुराना संग्रहालय है. यहां पर कई महत्वपूर्ण पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक प्रदर्श रखे गए हैं, उनका रखरखाव और बेहतर ढंग से हो इसलिए भवन का विस्तारीकरण किया गया है. संग्रह को बेहतर ढंग से प्रदर्शित करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुविधाएं विकसित करने के उद्देश्य से इस संग्रहालय का विस्तार किया गया है. गंगा गैलरी, पाटली गैलरी एवं प्रेक्षा गृह अच्छा बना है. लोग यहां आकर प्रदर्शों को आकर देख सकेंगे और उन्हें कई विशिष्ट जानकारियां प्राप्त होंगी. मुख्यमंत्री ने पटना संग्रहालय के पूरे परिसर का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया.वर्ष 2017 में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने पुराने पटना संग्रहालय के विस्तार एवं उन्नयन की कल्पना की. यह बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे कला, संस्कृति और युवा विभाग एवं भवन निर्माण विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है. इस संग्रहालय के नए भवन का निर्माण पुराने वास्तुकला शैली को ध्यान में रखते हुए किया गया है. नव निर्मित भवन में तीन ब्लॉक शामिल है जो परस्पर जुड़े हुए हैं. इसके दक्षिणी ब्लॉक के प्रवेश द्वार पर कैफेटेरिया, स्वागत कक्ष, कार्यक्रम कक्ष, अस्थायी दीर्धा प्रदर्शनी क्षेत्र और 105 लोगों की बैठने की क्षमता वाला एक सभागार है. उत्तरी ब्लॉक में प्रशासनिक खंड है, जिसमें संग्रहालय कार्यालय, पटना संग्रहालय के विशाल संग्रह के लिए भंडार कक्ष, संरक्षण प्रयोगशाला और उपकरण कक्ष शामिल हैं. अत्याधुनीक सुविधा के साथ तीसरे ब्लॉक में 10,000 वर्ग फुट क्षेत्र में प्रदर्शित गंगा और पाटली दीर्घाएँ है, जो संग्रहालय का मुख्य आकर्षण है.

गंगा दीर्धा गंगा नदी की उत्पत्ति से लेकर उसके महत्व को दर्शाती है. यह दीर्धा भारत में गंगा के महत्व पर एक प्रक्षेपण शो के साथ शुरू होती है. यह दीर्घा करुष से अंग क्षेत्र तक गंगा की 376 कि०मी० लंबी यात्रा को दर्शाती है और बिहार के 7 सांस्कृतिक क्षेत्रों को समाहित करते हुए उसके सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती है.
इस दीर्घा में मूर्त और अमूर्त विरासत को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रतिकृति जैसे केसरिया स्तूप तथा राम रेखा घाट प्रदर्शित है. इनके अलावा विभिन्न प्रकार के नृत्य कला जैसे झिझिया, जट जतिन, बिदेसिया और सोहर को आकृति एवं चित्रावली के माध्यम से दर्शाया गया है तथा विभिन्न प्रकार के चित्रकला जैसे मंजूषा, मधुबनी और टिकुली भी प्रदर्शित है. इसके साथ ही चिरांद और पांड़ जैसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल की कलाकृतियां शामिल हैं. इस दीर्घा का मुख्य आकर्षण 53 फीट लंबा जीवाश्म वृक्ष है जो 20 करोड़ वर्ष पुराना है. पाटली दीर्घा संग्रहालय का दूसरा भाग है, जो मगध क्षेत्र की उत्पत्ति और विकास को दर्शाती है. इससे आगंतुक एक तल्लीन वातावरण में प्रवेश करता है जो उसे राजगीर से शुरू होने वाले गौरवशाली मगध साम्राज्य की पूरी यात्रा पर ले जाता है. आगंतुक हर्यक राजवंश की राजधानी राजगीर की साइक्लोपियन दीवार से परिचित होते हैं.

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अगले भाग में पाणिनि के अष्टाध्यायी का प्रक्षेपण, वररुचि और कात्यायन जैसे विद्वानों की चित्रायली प्रदर्शित किया गया है. अंतिम भाग में मौर्य काल में पाटलिपुत्र को उसके पूर्ण वैभव में प्रदर्शित किया गया है. इसमें पुरातात्विक अवशेष, पूरे शहर का मॉडल और मेगस्थनीज और फाह्यान जैसे यात्रियों के उद्धरणों के साथ प्रदर्शित किए गए हैं. इस भाग का विशेष आकर्षण चाणक्य का एआई प्रेरित होलोग्राफिक प्रक्षेपण है जो आगंतुक को अर्थशास्त्र या जीवन के किसी भी पहलू से कोई भी प्रश्न पूछने और उनसे प्रतिक्रिया प्राप्त करने का अनुभव देता है. गंगा और पाटलिपुत्र गैलरी बहते गंगा जल की स्थापना के साथ बिहार के शाश्वत त्योहार यानी छठ के प्रदर्शन के साथ समाप्त होती है. बौद्ध तथा हिन्दू धर्म पर आधारित दो मूर्ति वाटिकाओं का निर्माण किया गया है. बौद्ध वर्ग में तथागत बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं वाली मूर्तियाँ तथा मनौती स्तूप को केन्द्र में रखते हुए, वज्रयान और देवी देवताओं की मूर्तियों को चारों ओर दर्शाया गया है. हिन्दू वर्ग को 5 उपवर्गों वैष्णव, शैव, शक्त सूर्य तथा अन्य देवी-देवता में दर्शाया गया है. 

परियोजना के दूसरे चरण में पुराने पटना संग्रहालय भवन के संरक्षण कार्य और दीर्घाओं को शामिल किया गया है. पुराने संग्रहालय भवन में प्रदर्शित प्रदर्शनियों की कहानी 1764 में बक्सर की लड़ाई के बाद हुए राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों से शुरू होती है, जिसे भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है. इसके तहत पुरानी इमारत को 9 दीर्घाओं (दो मंजिलों में) में विभाजित किया गया है हथियार और शस्त्रागार गैलरी, प्राकृतिक इतिहास गैलरी, बच्चों की गैलरी, नैरेटिव कला, जिसमें बिहार के आम जनजीवन और शाही जीवन को संग्रहों के माध्यम से दर्शाया जाएगा. इसके साथ डॉ. राजेंद्र प्रसाद संग्रह, समकालीन कला गैलरी, महापंडित राहुल सांकृत्यायन संग्रह, धातु कला, कम्पनी शैली, इतिहास की कथाओं के रूप में कला को प्रस्तुत किया जाएगा. भवन विस्तार के पहले चरण के पूरा होने के साथ, यह संग्रहालय परियोजना पटना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मानदण्ड स्थापित करती है. पटना संग्रहालय के नवनिमिर्त भवन के उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री बिहार संग्रहालय पहुँचे और वहां संग्रहालय के विभिन्न भागों को निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रदर्शों को देखा. 

मुख्यमंत्री ने बिहार संग्रहालय तथा पटना संग्रहालय को जोड़नेवाली निर्माणाधीन टनल का निरीक्षण कर कार्य की प्रगति की जानकारी ली. उन्होंने निर्माण कार्य बेहतर ढंग से जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री को बिहार संग्रहालय के महानिदेशक श्री अंजनी कुमार सिंह ने टनल से बिहार संग्रहालय में प्रवेश की व्यवस्था, पार्किंग, पर्यटकों को मिलनेवाली अन्य सुविधाओं आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि टनल निर्माण का कार्य जल्द पूर्ण करें, जिससे बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय के दर्शक आसानी से एक जगह से दूसरी जगह जाकर प्रदर्शों का अवलोकन कर सकें. उन्होंने कहा कि टनल का बेहतर ढंग से निर्माण कराएं ताकि इलेक्ट्रिक वाहन के साथ-साथ पैदल पर्यटक आसानी से पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय आवागमन कर सकें. बिहार संग्रहालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया गया है. पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय में बड़ी संख्या में पर्यटक आते रहते हैं. पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय के बीच टनल निर्माण कार्य पूर्ण होने से पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी. यहां पार्किंग और अन्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि इस निर्माणाधीन टनल के पास से नेहरू पथ के उस तरफ जाने के लिये जो ऊपरी पुल बनाया जाना है उसका निर्माण कार्य जल्द शुरू करें. साथ ही नेहरू पथ के उस तरफ एक पार्क का भी निर्माण करायें ताकि यहां आनेवाले पर्यटक उसका आनंद उठा सकें.

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेन्द्र नारायण यादव, बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव सह भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव प्रणव कुमार, पटना प्रमंडल के आयुक्त डॉ० चंद्रशेखर सिंह, संग्रहालय निदेशालय एवं पुरातत्व निदेशालय की निदेशक श्रीमती रचना पाटिल, पटना के जिलाधिकारी डॉ० त्यागराज एस०एम०, वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के० शर्मा, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के महासचिव अरविंद कुमार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
इनपुट: रजनीश

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