Patna University: पटना यूनिवर्सिटी के हॉस्टल एक बार फिर खुलेंगे. करीब 1 साल बाद हॉस्टल फिर से खोलने की तैयारी की जा रही है. 17 अप्रैल, 2025 दिन गुरुवार को कुलपति की अध्यक्षता में हॉस्टल कमेटी की एक मीटिंग हुई. बैठक में दोबारा हॉस्टल खोलने का निर्णय लिया गया. पहले से जिन छात्रों को हॉस्टल अलॉट है उनका रेन्युअल किया जाएगा. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि जिनका शैक्षणिक सत्र बचा हुआ है, वह 21 से 26 अप्रैल तक छात्रावास के लिए आवेदन कर सकते हैं. हालांकि, हॉस्टल कब से खुलेंगे इसे लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
कुलपति अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक के दौरान छात्रावास में रहने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया. बैठक में पीयू के डीन, छात्र कल्याण अनिल कुमार, प्रॉक्टर मनोज कुमार, रजिस्ट्रार शालिनी और सभी स्नातकोत्तर छात्रावासों के अधीक्षक शामिल हुए. यह निर्णय लिया गया कि पहले चरण में उन लड़कों को छात्रावास आवंटित किया जाएगा, जो पहले कमरे में रह रहे थे, और मई 2024 के अंतिम सप्ताह में बीएन कॉलेज के छात्र हर्ष राज की हत्या के मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से उन्हें खाली करने के लिए कहा गया था.
डीन कुमार ने कहा कि पुराने छात्रों को छात्रावास में रहने के लिए नए सिरे से आवेदन जमा करना होगा और अपेक्षित शुल्क जमा करना होगा. प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जाएगी. दूसरे चरण में, 2025-26 शैक्षणिक सत्र में नामांकन समाप्त होने के बाद ही नया आवंटन किया जाएगा. हालांकि, यह निर्णय लिया गया कि पटना साइंस कॉलेज के फैराडे हाउस और पटना कॉलेज के जैक्सन और मिंटो छात्रावासों में कमरे वर्तमान में छात्रों को आवंटित नहीं किए जाएंगे, क्योंकि वे मरम्मत के अधीन हैं.
डीन ने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के केवल वास्तविक छात्रों को ही विश्वविद्यालय के छात्रावासों में कमरे लेने की अनुमति दी जाएगी. पटना विश्वविद्यालय के अंतर्गत 26 छात्रावास हैं, जिनमें 20 लड़कों के लिए और बाकी लड़कियों के लिए हैं. छात्रावासों में 1,400 लड़के और 998 लड़कियां रह सकती हैं.
वहीं, इस फैसले पर पटना यूनिवर्सिटी (PU) छात्र संघ की जनरल सेक्रेटरी सलोनी राज ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के दबाव और एकजुटता के सामने झुकते हुए हमारी मांगों को स्वीकार कर लिया है. हॉस्टल अलॉटमेंट प्रक्रिया की आधिकारिक पहल कर दी गई है. यह हमारे संघर्ष की पहली जीत है. बता दें कि हाल ही में हुए शपथ ग्रहण समारोह का सलोनी ने बहिष्कार किया था और कहा था कि जब हॉस्टल खुलेंगे तब शपथ लूंगी.
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क्यों बंद हुआ था हॉस्टल जानिए
दरअसल, पिछले साल मई में पटना लॉ कॉलेज परिसर में राज की हत्या के बाद तत्कालीन राज्यपाल-सह-कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने बिगड़ती कानून व्यवस्था और छात्रावासियों के बीच लगातार झड़पों को कड़ा संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन के साथ-साथ विश्वविद्यालय के अधिकारियों से सभी लड़कों के छात्रावास खाली कराने को कहा था. सभी छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को शहर के निजी लॉज में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. पिछले साल जब पीयू का नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुआ तो नए छात्रों को भी छात्रावास में रहने की सुविधा नहीं दी गई.
इनपुट: निषेद कुमार
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