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प्रशांत किशोर के स्टैंड से मुस्लिम समाज गदगद, CAA-NRC के बाद वक्फ संशोधन अधिनियम पर होगा हंगामा?

प्रशांत किशोर ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मुस्लिम समाज के एक बड़े वर्ग को असहज कर रहा है और इसे बिना भरोसे में लिए लागू किया जा रहा है.

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Prashant Kishor stand on Waqf Amendment Act said Waqf Act making Muslim society uncomfortable
Prashant Kishor stand on Waqf Amendment Act said Waqf Act making Muslim society uncomfortable
Saurabh Jha|Updated: Feb 15, 2025, 03:43 PM IST
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प्रशांत किशोर ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर केंद्र सरकार को घेरते हुए इस कानून को मुस्लिम समाज के लिए असहज और विवादास्पद बताया है. उनका कहना है कि बिना समुदाय को विश्वास में लिए इस तरह के संवेदनशील कानून लागू किए जा रहे हैं, जो समाज में असंतोष का कारण बन सकते हैं. किशोर के इस बयान ने मुस्लिम समाज में एक नई उम्मीद जगी है. उनके इस स्टैंड के बाद, सवाल उठने लगा है कि क्या वक्फ कानून पर इस विरोध के बाद देश में एक और राजनीतिक तूफान खड़ा होगा, जैसा कि नागरिकता कानून और NRC के समय देखा गया था.

वक्फ संशोधन अधिनियम पर केंद्र सरकार को घेरा
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह कानून मुस्लिम समाज के एक बड़े वर्ग को असहज कर रहा है. प्रशांत किशोर का कहना है कि सरकार बिना मुस्लिम समुदाय को भरोसे में लिए ऐसे संवेदनशील कानून बना रही है, जो समाज में असंतोष को जन्म दे सकते हैं.  

CAA-NRC का दिया उदाहरण
प्रशांत किशोर ने वक्फ कानून पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जिस मुस्लिम समुदाय ने देश की आज़ादी के लिए कुर्बानी दी, उसी समाज के साथ आज़ादी के बाद भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार संसद के माध्यम से ऐसे कानून बना रही है, जो एक विशेष समुदाय के हितों को प्रभावित कर रहे हैं.  

मुस्लिम समाज में बढ़ती असुरक्षा की भावना
प्रशांत किशोर ने वक्फ अधिनियम में किए जा रहे बदलावों को लेकर मुस्लिम समाज की असुरक्षा की भावना को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में बदलाव लाने की प्रक्रिया समाज को विश्वास में लिए बिना शुरू की गई है. इससे मुस्लिम समुदाय में आशंका और असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार को इस तरह के निर्णय लेते समय समाज के नेताओं और धार्मिक संगठनों से बातचीत करनी चाहिए.  

मॉब लिंचिंग पर जताई चिंता
मॉब लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जब भी किसी गरीब या असहाय मुस्लिम व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी जाती है, तब उस व्यक्ति के साथ खड़ा होने वाला कोई नहीं होता. उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम समाज के वोटों के लिए राजनीति करने वाले नेता भी इन घटनाओं के समय नदारद रहते हैं. किशोर ने इसे मुस्लिम समाज के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बताया.  

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