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पटना और राजगीर में साइबर फॉरेंसिक लैब की तैयारी तेज, NFSU की टीम निभाएगी अहम भूमिका

बिहार में लगातार बढ़ते साइबर अपराध के मामलों को देखते हुए सरकार ने पटना और राजगीर में दो अत्याधुनिक साइबर फॉरेंसिक लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है. ये लैब सीआईडी के तहत संचालित होंगी और एनएफएसयू की विशेषज्ञ टीम इनके निर्माण और संचालन में अहम भूमिका निभाएगी.

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बिहार में साइबर अपराध पर कसेगा शिकंजा
बिहार में साइबर अपराध पर कसेगा शिकंजा
Saurabh Jha|Updated: Jul 27, 2025, 11:27 PM IST
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बिहार सरकार अब साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए पटना और राजगीर में दो विशेष साइबर फॉरेंसिक लैब स्थापित करने जा रही है. इस आधुनिक लैब की स्थापना का उद्देश्य है कि साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच वैज्ञानिक, सटीक और प्रमाणिक तरीके से हो सके. ये दोनों लैब सीआईडी के अंतर्गत काम करने वाले फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) के सहयोग से संचालित किए जाएंगे.

गुजरात के गांधीनगर स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) इस पूरी परियोजना में कंसल्टेंट की भूमिका निभाएगा. जल्द ही एनएफएसयू की एक विशेषज्ञ टीम बिहार आएगी और सीआईडी के साथ मिलकर लैब स्थापना की योजना को अंतिम रूप देगी. एनएफएसयू देश की इकलौती ऐसी यूनिवर्सिटी है जो फॉरेंसिक साइंस में विशेष रूप से पढ़ाई और अनुसंधान करती है. बिहार में बनने वाली दोनों लैब इसी संस्थान के विशेषज्ञों की निगरानी में तैयार की जाएगी.

इन साइबर लैबों के जरिए डिजिटल साक्ष्य जुटाने में बड़ी आसानी होगी, जिससे मामलों की जांच ज्यादा भरोसेमंद और कानूनी रूप से मजबूत बन सकेगी. बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) लागू होने के बाद डिजिटल साक्ष्य को अहम माना जा रहा है. ऐसे में इन लैबों के जरिए आरोपियों के खिलाफ ठोस प्रमाण जुटाने में पुलिस को काफी मदद मिलेगी.

साइबर फॉरेंसिक लैब में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का गहन विश्लेषण किया जाएगा, जिससे फिशिंग, डेटा चोरी, बैंक फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग जैसे मामलों की जांच अधिक कुशलता से हो सकेगी. इन लैबों की मदद से बड़ी साजिशों को भी बेनकाब किया जा सकेगा, जो अब तक तकनीकी संसाधनों की कमी से अधूरी रह जाती थी.

इस विषय पर एडीजी (सीआईडी) पारसनाथ ने बताया कि बिहार में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है और ऐसे मामलों की जांच समय पर और सटीक हो, इसके लिए विशेष प्रयोगशालाओं की सख्त जरूरत है. फिलहाल एक ही यूनिट काम कर रही है, जो नाकाफी है. इसलिए सरकार ने दो नई साइबर लैब की मंजूरी दी है, और अब इसकी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है.

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