पटनाः Sawan Shivratri Today: सावन मास महादेव शिव का प्रिय महीना होता है. इन दिनों भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. फागुन मास की महाशिवरात्रि की ही तरह सावन की शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है. इस दिन जो श्रद्धालु, सच्चे मन से शिव पूजा करते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं, उनके सारे कष्ट महादेव हर लेते हैं. वैसे तो भगवान शिव औघड़दानी हैं और उनकी पूजा के लिए किसी कठिन पद्धति की जरूरत नहीं होती है, फिर भी पूजा के कुछ खास तरीकों को जान लेना बेहतर होता है. जानिए आज कैसे करें महादेव शिव की पूजा-
ऐसे करें महादेव की पूजा
सावन की शिवरात्रि, सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के अंत औऱ चतुर्दशी के प्रारंभ में मनाई जाती है. यानी चतुर्दशी तिथि लगती हुई होनी चाहिए. इसलिए शिवरात्रि के अभिषेक का समय अक्सर सुबह-सुबह का ही निकलता है. इसलिए जरूरी है कि सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें. इसके बाद व्रत के लिए संकल्प लें. महादेव शिव को पंचामृत चढ़ाएं. घर में नर्मदा नदी का लाया हुआ शिवलिंग रख सकते हैं. शिवलिंग पर पंचामृत स्नान कराएं. दूध, दही, शहद, घी और गन्ने का रस या चीनी से पंचामृत बनता है.
शिवजी को चढ़ाएं ये वस्तुएं
लगातार‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र, फल, फूल इत्यादि अर्पित करें. इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें या सुनें, और अंत में घर के सभी लोग मिलकर भगवान की आरती करें. सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करते वक्त मुख उत्तर दिशा की ओर रखें. ध्यार रहे पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल न चढ़ाएं क्योंकि ये दिशा भगवान शिव का प्रवेश द्वार मानी जाती है. सावन शिवरात्रि की पूजा के समय तांबे के लोटे से ही शिवलिंग पर जल अर्पित करें. दूध चढ़ाने के लिए स्टील या पीतल का लोटा प्रयोग करें. शिवलिंग पर जल की धारा बनाकर अर्पित करें साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. इससे भय दूर होता है और बीमारियां खत्म हो जाती है. कभी भी एक साथ पूरा जल न चढ़ाएं.
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