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Sharda Sinha Antim Sanskar: शारदा सिन्हा की थी इच्छा! पटना के इस घाट पर हो अंतिम संस्कार, आज सुबह पहुंचेगा पार्थिव शरीर

Sharda Sinha Antim Sanskar: शारदा सिन्हा की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उसी घाट पर हो, जहां उनके पति का किया गया था. इसी वजह से उनके परिवार ने निर्णय लिया है कि उनके पार्थिव शरीर को पटना ले जाया जाएगा.

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Sharda Sinha Antim Sanskar: शारदा सिन्हा की थी इच्छा! पटना के इस घाट पर हो अंतिम संस्कार, आज सुबह पहुंचेगा पार्थिव शरीर
Sharda Sinha Antim Sanskar: शारदा सिन्हा की थी इच्छा! पटना के इस घाट पर हो अंतिम संस्कार, आज सुबह पहुंचेगा पार्थिव शरीर
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Nov 06, 2024, 08:35 AM IST
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Sharda Sinha Antim Sanskar: बिहार की प्रसिद्ध गायिका और 'स्वर कोकिला' के नाम से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. उन्होंने मंगलवार की रात को 9 बजकर 20 मिनट पर दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. शारदा सिन्हा का लंबे समय से इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ और अंततः उनका निधन हो गया. उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने बताया कि मां की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार पटना के उसी घाट पर हो, जहां उनके पिता का अंतिम संस्कार हुआ था. इसी के चलते शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर आज सुबह इंडिगो फ्लाइट से पटना ले जाया जा रहा है. पटना एयरपोर्ट पर कागजी कार्यवाही पूरी करने में डेढ़ से दो घंटे का समय लग सकता है. इसके बाद उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए पटना में रखा जाएगा, जहां उनके चाहने वाले अंतिम विदाई दे सकेंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना के पूर्वी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. यह संस्कार 7 नवंबर को संभावित है. उनके निधन से संगीत प्रेमियों और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य कई वरिष्ठ नेताओं ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. शारदा सिन्हा का योगदान भारतीय संगीत जगत में अविस्मरणीय है. उनके गाए गीत आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं, खासकर छठ पर्व के गीतों में उनकी आवाज एक खास स्थान रखती है.

इसके अलावा बता दें कि 72 वर्षीय शारदा सिन्हा की आवाज ने बिहार की संस्कृति को एक नई पहचान दिलाई थी. उनके निधन से बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में संगीत प्रेमियों को गहरा आघात पहुंचा है. उनकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकेगी, लेकिन उनकी आवाज और उनके गीतों के माध्यम से वे हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी.

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