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Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि में दुर्वा क्यों नहीं चढ़ाई जाती मां दुर्गा को? जानें इसका महत्व

Shardiya Navratri 2024 : मां दुर्गा की पूजा में दूर्वा का उपयोग इसलिए वर्जित है क्योंकि दूर्वा का संबंध मंगल ग्रह से होता है, जो उग्र ऊर्जा का प्रतीक है. मां दुर्गा को किसी ऐसी चीज का अर्पण नहीं किया जाता जो मंगल ग्रह की उग्र ऊर्जा से मेल खाती हो. अगर आप मां दुर्गा को दूर्वा चढ़ाते हैं, तो इससे माता नाराज हो सकती हैं और पूजा का पूरा फल नहीं मिलता. इसलिए मां दुर्गा की पूजा में दूर्वा चढ़ाना मना है.

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Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि में दुर्वा क्यों नहीं चढ़ाई जाती मां दुर्गा को? जानें इसका महत्व
Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि में दुर्वा क्यों नहीं चढ़ाई जाती मां दुर्गा को? जानें इसका महत्व
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Oct 09, 2024, 11:52 AM IST
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Shardiya Navratri 2024 : हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है. शारदीय नवरात्रि में माता के नौ रूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. पूजा की थाली में कई जरूरी चीजें रखी जाती हैं, जिन्हें माता को अर्पित किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां दुर्गा की पूजा में दूर्वा (घास) का उपयोग नहीं किया जाता है? इसके पीछे एक खास कारण है, जिसे समझना जरूरी है. भोपाल के ज्योतिषी और वास्तु विशेषज्ञ पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने इसके बारे में जानकारी दी है.

दूर्वा का महत्व पूजा में खास तौर पर देखा जाता है. जब भी कोई पूजा, हवन या धार्मिक अनुष्ठान होता है, उसमें दुर्वा का उपयोग जरूर होता है. खासकर, भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा को प्रमुखता से रखा जाता है. इसे पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. इसके उपयोग से नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं दूर होती हैं, लेकिन यह केवल भगवान गणेश की पूजा में ही होता है, मां दुर्गा की पूजा में दूर्वा नहीं चढ़ाई जाती है.

मां दुर्गा की पूजा में दूर्वा का वर्जित होना इस वजह से है क्योंकि दूर्वा मंगल ग्रह से संबंधित होती है, जो उग्र ऊर्जा का प्रतीक है. मां दुर्गा को किसी भी ऐसी चीज का अर्पण नहीं किया जाता जो मंगल ग्रह की उग्र ऊर्जा से मेल खाती हो. अगर आप मां दुर्गा को दूर्वा चढ़ाते हैं, तो इससे माता रुष्ट हो सकती हैं और पूजा का पूरा फल नहीं मिलता. इसलिए मां दुर्गा की पूजा में दूर्वा अर्पित करना मना है.

एक और कारण यह है कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा सृजन, पालन और संहार की शक्ति का प्रतीक हैं. उनकी पूजा में उपयोग होने वाली चीजें दिव्य स्त्री शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि दूर्वा मंगल ग्रह की उग्र और पुरुषत्व ऊर्जा को दर्शाती है. यह ऊर्जा मां दुर्गा की सौम्यता और मातृत्व के विपरीत मानी जाती है. इसलिए दुर्वा का उपयोग मां दुर्गा की पूजा में वर्जित है और इसे चढ़ाने से पूजा सफल नहीं मानी जाती है.

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