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Bihar News: ISRO की सैर करेंगे जिले के दो मैट्रिक टॉपर, सरकार उठाएगी पूरा खर्च

Bihar Student in ISRO: आईआईटी में प्रवेश पाने का सपना देखने वाला मोंटी अभी 11वीं कक्षा में विज्ञान (मैथ) का छात्र है. उसे शिक्षा विभाग द्वारा इसरो परिसर के भ्रमण के लिए चुने जाने की खबर मिली है, जिससे वह बहुत खुश है. वहीं, डुमरा के कमला गर्ल्स हाईस्कूल से 2024 में मैट्रिक परीक्षा में जिला स्तर पर तीसरा स्थान और बालिका वर्ग में पहला स्थान पाने वाली दिव्या भारती भी बेंगलुरु स्थित इसरो परिसर का दौरा करेंगी.

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Bihar News: ISRO की सैर करेंगे जिले के दो मैट्रिक टॉपर, सरकार उठाएगी पूरा खर्च
Bihar News: ISRO की सैर करेंगे जिले के दो मैट्रिक टॉपर, सरकार उठाएगी पूरा खर्च
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Aug 26, 2024, 06:56 PM IST
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सीतामढ़ी: सीतामढ़ी जिले के दो मेधावी छात्र-छात्राओं को बड़ा सम्मान मिला है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक परीक्षा 2024 में बालक वर्ग में टॉप करने वाले छात्र मोंटी कुमार और बालिका वर्ग में टॉप करने वाली दिव्या भारती को बेंगलुरु स्थित इसरो (ISRO) परिसर का भ्रमण करने का मौका मिलेगा. सरकार इन दोनों बच्चों के इसरो दौरे का पूरा खर्च उठाएगी. इस पहल का उद्देश्य प्रतिभावान बच्चों में वैज्ञानिक सोच का विकास करना है.

मोंटी कुमार की उपलब्धि और परिवार की प्रतिक्रिया
जानकारी के लिए बता दें कि मोंटी कुमार सीतामढ़ी जिले के जनता हाई स्कूल का छात्र है. उन्होंने मैट्रिक परीक्षा 2024 में 95.2% अंक हासिल कर जिले में टॉप किया था. मोंटी के पिता कामेश्वर चौधरी मजदूरी करते हैं और माता रिंकू कुमारी गृहिणी हैं. मोंटी का सपना आईआईटियन बनने का है और वह फिलहाल 11वीं में विज्ञान (मैथ) की पढ़ाई कर रहा है. इसरो परिसर में भ्रमण के लिए चयनित होने की सूचना मिलने पर मोंटी और उसके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है.

दिव्या भारती की उपलब्धि और परिवार की खुशी
वहीं दिव्या भारती जो कमला गर्ल्स हाईस्कूल डुमरा की छात्रा है. उन्होंने मैट्रिक परीक्षा 2024 में 94.2% अंक प्राप्त कर बालिका वर्ग में जिला टॉपर का खिताब जीता था. दिव्या के पिता राम कैलाश साह निराला एक प्राइवेट इंडस्ट्री में काम करते हैं और माता बबीता कुमारी गृहिणी हैं. दिव्या का सपना साइंटिस्ट बनकर देश की सेवा करने का है. इसरो परिसर के भ्रमण के लिए चयनित होने की खबर मिलने पर उसके माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वे अपनी बेटी की इस सफलता पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं.

सरकारी पहल और भविष्य की उम्मीदें
सरकार की इस पहल का उद्देश्य छात्रों को वैज्ञानिक गतिविधियों और तकनीकी विकास से अवगत कराना है, ताकि उनके अंदर वैज्ञानिक चेतना का विकास हो सके. डीईओ प्रमोद कुमार साहु ने दोनों छात्र-छात्राओं के बायोडाटा को बिहार शिक्षा परियोजना को भेज दिया है, ताकि वे इसरो भ्रमण का हिस्सा बन सकें. यह मौका न केवल इन बच्चों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी गर्व का पल है.

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