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Sharda Sinha Death: क्या होता है मल्टीपल मायलोमा, जिसने मशहूर गायिका शारदा सिन्हा की ले ली जान

What is Multiple Myeloma: लोकगायिका शारदा सिन्हा को गंभीर बीमारी के कारण 26 अक्टूबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्हें कैंसर से संबंधित बीमारी, मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का ब्लड कैंसर) था. इस बीमारी के चलते उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी. मंगलवार को उनकी स्थिति गंभीर हो गई और आज दुखद रूप से उनका निधन हो गया.

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Sharda Sinha Death: क्या होता है मल्टीपल मायलोमा, जिसने मशहूर गायिका शारदा सिन्हा की ले ली जान
Sharda Sinha Death: क्या होता है मल्टीपल मायलोमा, जिसने मशहूर गायिका शारदा सिन्हा की ले ली जान
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Nov 05, 2024, 10:46 PM IST
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Sharda Sinha Death: लोकगायिका शारदा सिन्हा जिन्हें बिहार कोकिला के नाम से जाना जाता है. इनका स्वास्थ्य लंबे समय से खराब चल रहा था. छठ पूजा के गीतों से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा पिछले छह साल से मल्टीपल मायलोमा नामक ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं. उनकी तबीयत स्थिर बनी हुई थी, लेकिन कुछ दिनों पहले अचानक उनकी हालत बिगड़ गई. इसके कारण उन्हें 26 अक्टूबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था. यहां, कैंसर सेंटर के मेडिकल ऑन्कोलॉजी वार्ड में उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया. आज मंगलवार को उनका निधन हो गया.

जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिनों के उपचार के बाद उनकी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ और उन्हें प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन सोमवार की शाम उनकी हालत फिर से बिगड़ गई. जिससे उन्हें ICU में दोबारा शिफ्ट करना पड़ा. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निरुपम मदान ने बताया कि उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया. मंगलवार रात को उन्होंने आखिरी सांस ली. अब शारदा सिन्हा इस दुनिया में नहीं है.

शारदा सिन्हा ने अपनी गायकी से न केवल बिहार में बल्कि पूरे देश में विशेष पहचान बनाई है. छठ पूजा के उनके गीत सभी आयु वर्ग के लोगों में प्रिय हैं, खासकर छठ पूजा के दौरान उनकी आवाज़ हर घर में गूंजती है. इसके अलावा उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी गाने गाए हैं, लेकिन छठ गीतों में उनकी आवाज को विशेष रूप से पूजा का प्रतीक माना जाता है.

अधीक्षक डॉ. निरुपम मदान ने बताया मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का ब्लड कैंसर है, जिसमें असामान्य प्लाज्मा कोशिकाएं बढ़ जाती हैं और रक्त, हड्डियों और अंगों को प्रभावित करती हैं. शारदा सिन्हा ने इस बीमारी के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और उनके फैंस ने उनकी सेहत के लिए दुआएं कीं. उनकी हालत पर विशेष डॉक्टरों की टीम लगातार नजर बनाए हुए थी और हरसंभव उपचार किया जा रहा था.

बता दें कि शारदा सिन्हा ने अपनी मधुर और भक्ति भाव से भरी आवाज के जरिए लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है. संगीत में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

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