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Saphala Ekadashi 2024: साल 2024 में कब है सफला एकादशी? जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

Saphala Ekadashi 2024: इस व्रत का महत्वपूर्ण दिन 7 जनवरी 2024 रविवार है. इस दिन एकादशी तिथि प्रात: 12 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 8 जनवरी 2024 को प्रात: 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. सफला एकादशी का व्रत पारण समय 8 जनवरी 2024 को सुबह 06.39 से सुबह 08.59 मिनट तक है और पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 11:58 है.

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Saphala Ekadashi 2024: साल 2024 में कब है सफला एकादशी? जानें तिथि और शुभ मुहूर्त
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Dec 27, 2023, 08:36 PM IST
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Saphala Ekadashi 2024: साल 2024 में पहला व्रत सफला एकादशी 7 जनवरी को है. यह एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन का व्रत करने से श्रीहरि की पूजा करने वालों को अनेक लाभ होते हैं, जैसे कि दुःखों और दोषों का निवारण आदि. इसके साथ ही धन और सौभाग्य की प्राप्ति में भी मदद होती है.

सफला एकादशी को 'सफला' इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके व्रत से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. इस व्रत का महत्वपूर्ण दिन 7 जनवरी 2024 रविवार है. इस दिन एकादशी तिथि प्रात: 12 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 8 जनवरी 2024 को प्रात: 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. सफला एकादशी का व्रत पारण समय 8 जनवरी 2024 को सुबह 06.39 से सुबह 08.59 मिनट तक है और पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 11:58 है.

इस विशेष दिन के महत्व को समझने के लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण है कि इस एकादशी के व्रत से मिलने वाले पुण्य का फल मनुष्य को पांच सहस्त्र वर्ष तक तपस्या करने के समान होता है. इस दिन का उपवास करके मिलने वाली सफलता का मतलब है कि व्यक्ति को अद्वितीय पुण्य प्राप्त होता है. सफला एकादशी के व्रत की पूजा विधि में प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना है. इसके बाद भगवान को धूप, दीप, फल और पंचामृत से अर्पित करना चाहिए. श्रीहरि के अच्युत रूप को नारियल, सुपारी, आंवला, अनार और लौंग से चढ़ाई जाती है.

रात्रि में जागरण के दौरान श्री हरि के नाम के भजन गाए जाते हैं और एकादशी व्रत के अगले दिन, द्वादशी पर, जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर, दान और दक्षिणा देकर व्रत का पारण किया जाता है. 

Disclaimer: यह सभी जानकारी सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और यह बताना आवश्यक है कि यहां दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता को पुष्टि नहीं किया जा सकता है. किसी भी धार्मिक कार्य या व्रत में प्रतिभाग लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित है.

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