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सुशील मोदी को कौन सा कैंसर हुआ था, जिसने चंद महीने में छीन ली उनकी जिंदगी

Sushil Modi News: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी का सोमवार देर रात निधन हो गया. 72 वर्ष के सुशील मोदी कैंसर से जूझ रहे थे. दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था. सोमवार शाम उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली.

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सुशील मोदी को कौन सा कैंसर हुआ था, जिसने चंद महीने में छीन ली उनकी जिंदगी
सुशील मोदी को कौन सा कैंसर हुआ था, जिसने चंद महीने में छीन ली उनकी जिंदगी
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: May 14, 2024, 04:27 PM IST
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पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी का सोमवार देर रात निधन हो गया. 72 वर्ष के सुशील मोदी कैंसर से जूझ रहे थे. दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था. सोमवार शाम उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. इस बात की जानकारी खुद बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से लोगों को दी. सुशील मोदी पिछले छह महीने से कैंसर से पीड़ित थे. उनका इलाज दिल्ली एम्स से चल रहा था. 

किस कैंसर से पीड़ित थे सुशील मोदी?

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी गले के कैंसर से पीड़ित थे, जिसे एसोफैगल कैंसर कहा जाता है. धीरे-धीरे ये कैंसर उनके गले से लंग्स तक पहुंच गई थी, जिस वजह से उनकी तबीयत दिन- प्रतिदिन और खराब होती चली गई. उन्हें बोलने में भी काफी तकलीफ होने लगी, इसी वजह से उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी अपनी कोई भूमिका निभाने से साफ तौर पर मना कर दिया था. 

गले में कैंसर के लक्षण

आम तौर पर अगर किसी शक्स को लंबे समय से खांसी की समस्या है और उसे राहत नहीं मिल पा रही है तो उसे इस दिक्कत को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि ऐसी दिक्कत आपके लिए आगे चलकर जानलेवा साबित हो सकती है. जल्द से जल्द आपको अपनी इस समस्या को डॉक्टर को दिखाना चाहिए. साथ ही अगर आपको खाना निगलने में भी तकलीफ हो रही है तो ये गले के कैंसर के लक्षण हो सकते है. इस कैंसर को एसोफैगल कैंसर भी कहा जाता है.

ये लक्षण भी है आम

पीड़ित व्यक्ति को अक्सर गले में दर्द , लगातार खांसी, खाना निगलते समय दिक्कत, गले में सूजन की समस्या रहती है. साथ ही गले में कैंसर से पीड़ित शख्स के आवाज में भी बदलाव होने लगता है, बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति के आवाज़ में भारीपन आ जाता है. उसे खाना निगलते समय काफी दर्द होता है. कान में दर्द की समस्या के साथ खराश अक्सर रहती है. खांसते समय बलगम के साथ खून का आना और तेजी से वजन भी घटने लगता है.

गले में कैंसर का कारण 

अगर किसी व्यक्ति को नशे की लत है तो वह शख्स इस कैंसर के चपेट में आ सकता है. गले में कैंसर का मूल कारण धूम्रपान, स्मोकिंग, तंबाकू का सेवन और शराब पीना हो सकता है. ज्यादातर देखा गया गया है कि गले में कैंसर उसी व्यक्ति को होता है जो किसी न किसी नशे के आदी होते है. हालांकि शरीर में विटामिन ए की कमी होने के कारण भी ये बीमारी हो सकती है.

कैसे करें इससे बचाव?

कैंसर एक बेहद ही जानलेवा बिमारी है. अगर किसी व्यक्ति को शरीर के किसी भी अंग में ये बीमारी होती है तो उसे इसका इलाज जल्द से जल्द करवाना अनिवार्य हो जाता है. ये एक बेहद ही खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. जो की शरीर में बहुत ही तेजी के साथ फैलता है. गले का कैंसर बेहद ही खतरनाक बीमारी है ये पीड़ित के खाने के नली को ही बंद कर देता है, जिससे उसे कुछ भी खाने और पीने में काफी तकलीफ और दर्द का सामना करना पड़ता है. डॉक्टरों के मुताबिक अगर किसी को लंबे समय से खांसी, आवाज़ में बदलाव, भारीपन, गले में सूजन, कान और गले में दर्द जैसी समस्या हो तो उसे इन समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए नहीं तो ये काफी घातक साबित हो सकता है.

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