Bihar Board 12th Result Topper: बिहार बोर्ड टॉपर वेरिफिकेशन प्रक्रिया साल 2016 में फर्जी टॉपर घोषित किए जाने के घोटाले के बाद शुरू की गई थी. यह प्रक्रिया परिणामों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने और हाई स्कोर करने वाले छात्रों की साख को सत्यापित करने के लिए डिज़ाइन की गई है. इस प्रक्रिया में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं की कठोर पुन: जांच शामिल है, ताकि किसी भी तरह की त्रुटि की संभावना को समाप्त किया जा सके.
इसके आलावा छात्रों की लिखावट को उनकी मूल उत्तर पुस्तिकाओं से क्रॉस-चेक किया जाता है. इसके बाद टॉपर्स को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, जहां विषय विशेषज्ञ उनसे उनके विषयों पर सवाल पूछते हैं और उनसे कुछ सवालों को हल करने के लिए कहते हैं.
बिहार बोर्ड रिजल्ट साल 2016 में टॉपर रूबी रॉय की काफी चर्चा हुई थी, क्योंकि जब मीडियाकर्मियों ने रूबी रॉय से उनके ही विषय से जुड़े कुछ सवाल पूछा था, तब वह जवाब नहीं दे पाई थीं. इसके बाद रूबी रॉय का रिजल्ट और बीएसईबी की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गई थी. इसके बाद से ही बिहार बोर्ड टॉपर वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. जो आज भी जारी है.
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ध्यान दीजिए कि बिहार बोर्ड के 2025 के 12वीं और 10वीं के नतीजे आने ही वाले हैं और राज्य भर के छात्र बेसब्री से उनके प्रदर्शन का इंतजार कर रहे हैं. परिणामों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने वाली कठोर टॉपर सत्यापन प्रक्रिया के साथ, बिहार बोर्ड अपनी विश्वसनीयता में सुधार करना जारी रखता है और भारत के अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में काम करता है.
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