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Manish Kashyap Surrender: आखिर कौन है 'Son of Bihar' जिसकी गिरफ्तारी के बाद से शुरू हो गया हंगामा, सियासी तापमान भी बढ़ा

Son of Bihar के नाम से बेहद पॉपुलर यूट्यूबर मनीष कश्यप किसी पहचान के मोहताज नहीं है. तमिलनाडु मामले के बाद तो बिहार के अंदर उनकी चर्चा कभी खत्म ही नहीं हुई. हर गली चौराहे पर इनके नाम के चर्चे है.

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Manish Kashyap Surrender: आखिर कौन है 'Son of Bihar' जिसकी गिरफ्तारी के बाद से शुरू हो गया हंगामा, सियासी तापमान भी बढ़ा
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Mar 18, 2023, 08:14 PM IST
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पटना: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार को पुलिस के समाने खुद को सरेंडर कर दिया. दरअसल, पुलिस ने उनके खिलाफ तमिलनाडु में बिहारियों को पीटे जाने का फर्जी वीडियो और भ्रामक खबर चलाने के अलावा कई गंभीर आरोप लगाएं है. अगर मनीष कश्यप की बात करें तो वो बिहार का चर्चित चेहरा हैं, लोग के बीच वो ‘Son of Bihar’ के नाम से जानते है. उन्होंने हमेशा अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ अवाज उठाई है. इनकी गिरफ्तारी के बाद से बिहार का सियासी तापमान भी बढ़ गया है.

जानें कौन है  ‘Son of Bihar’
Son of Bihar के नाम से बेहद पॉपुलर यूट्यूबर मनीष कश्यप किसी पहचान के मोहताज नहीं है. तमिलनाडु मामले के बाद तो बिहार के अंदर उनकी चर्चा कभी खत्म ही नहीं हुई. हर गली चौराहे पर इनके नाम के चर्चे है. शनिवार को इन्होंने खुद को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. अब इनसे पूछताछ की जा ही है, इनको किस जेल में रखा जाएगा, पुलिस ने स्पष्ट नहीं किया है. उन्होंने बार में बता दें कि मनीष ने सदैव बिहार के विकास को लेकर चिंता जताई है. हमेशा उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया है.

इस धारा के तहत हो सकती है छह साल की सजा
दरअसल, बता दें कि मनीष के सरेंडर के बाद मनीष कश्यप से पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने इनके खिलाफ तमिलनाडु में मजूरों की पिटाई करते हुए का फर्जी वीडियो वायरल मामले में के अलावा कई मामले दर्ज किए है. इनके अलावा इनके अन्य चार साथियों पर आईपीसी की धारा-153, 153 (ए), 153 (बी), 505 (1) (बी), 505(1) (सी), 468, 471 एवं 120 (बी) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत कई मामले दर्ज किए है. पटना उच्च न्यायालय के सीनियर एडवोकेट आलोक कुमार के अनुसार मनीष कश्यप पर जितनी भी धाराएं लगी हैं उनमें से दो धारा को हटाकर सभी नॉन बेलेबल है. जानकारी के लिए बता दें कि मनीष के ऊपर धारा 468 भी लाई गई है. इस धारा के तहत पांच साल से सात साल तक की सजा हो सकती है. साथ ही धारा 505 (1) (बी) और 505 (1) (सी) में तीन से पांच साल तक की सजा हो सकती है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई कई आवाज
मनीष कश्यप की बात करें तो उन्होंने सदैव अपने न्यूज चैनल के माध्यम से अर्थव्यवस्था, प्रशासनिक सेवा के अलावा भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा आवाज उठाई है. इसके अलावा उन्होंने कई जरूरतमंद लोगों की मदद भी की है.

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