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Bihar Chunav 2025: भाजपा से पहले से थी दूरी, अब सहयोगी दलों के दायरे से भी बाहर हो जाएंगे मुसलमान!

Waqf Amendment Bill: ऐसा नहीं है कि भाजपा के सहयोगी दलों को मुसलमानों का वोट थोक में मिलता है, लेकिन जो भी मिलता है वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद वो शायद न मिले. हालांकि कुछ ऐसे भी मुसलमान हैं जो इस बिल के पास होने की खुशी मना रहे हैं.

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Bihar Chunav 2025: भाजपा से पहले से थी दूरी, अब सहयोगी दलों के दायरे से भी बाहर हो जाएंगे मुसलमान! (File Photo)
Bihar Chunav 2025: भाजपा से पहले से थी दूरी, अब सहयोगी दलों के दायरे से भी बाहर हो जाएंगे मुसलमान! (File Photo)
Sunil MIshra|Updated: Apr 03, 2025, 04:35 PM IST
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Bihar Chunav 2025: वक्फ संशोधन बिल, 2025 लोकसभा में पास हो चुका है और राज्यसभा में भी इसे पेश किया जा चुका है. भाजपा के सहयोगी दलों ने इस बिल को पूरा समर्थन दिया है. सभी सहयोगी दलों ने लोकसभा में व्हिप जारी कर बिल को समर्थन देने का ऐलान किया था. इस बिल के आने से पहले से मुसलमान भाजपा से दूरी बनाकर तो चल ही रहे थे, अब इस बिल ने सहयोगी दलों को भी मुसलमानों से दूर कर दिया है. इसका नमूना आप पटना में देख चुके हैं, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान की इफ्तार पार्टी के खिलाफ बहिष्कार की अपील की गई थी. कई मुस्लिम संगठनों ने इन दोनों इफ्तार पार्टी से दूरी बना ली थी. अब आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में वक्फ बोर्ड को लेकर बने नए कानून के असर की विवेचना होगी, जिससे यह तय होगा कि इस कानून के चलते मुसलमानों ने क्या रुख अपनाया.

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मुसलमान भाजपा से भले ही दूरी बनाकर चल रहे थे, लेकिन सहयोगी दलों जैसे जेडीयू, टीडीपी और अजित पवार के नेतृत्व वाले नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी को इस तबके का कम ही सही, लेकिन वोट मिलता रहा है. अब जबकि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर भाजपा को इन दलों का पुरजोर समर्थन मिला है. इन दलों ने तो बाकायदा लोकसभा में वोटिंग के समय व्हिप जारी कर अपने सांसदों को मौजूद रहने को कहा था. जो दल वक्फ संशोधन बिल की मुखालफत कर रहे हैं, वे इन दलों से मुसलमानों को बचने की अपील कर रहे हैं. जैसे बिहार में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के अलावा राजद के कई नेताओं ने मुसलमानों से जेडीयू से दूरी बनाने की अपील की थी.

वक्फ संशोधन बिल की असली अग्निपरीक्षा बिहार में होनी है और यही पर तय हो जाएगा कि मुसलमानों ने इस बिल को लेकर अपनी क्या राय बनाई है. बिहार में चूंकि आमने सामने का मुकाबला है और प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज मुकाबले को तिकोना बनाने के लिए उतरेगी. प्रशांत किशोर भी मुसलमानों को लुभाते दिख रहे हैं और उन्होंने तो ऐलानिया कह रखा है कि विधानसभा की 243 में 40 सीटों पर वे मुसलमान प्रत्याशी उतारने जा रहे हैं. बिहार में 18 प्रतिशत की मु​स्लिम आबादी है, जिसको लेकर महागठबंधन के दल और प्रशांत किशोर की पार्टी लालच भरी निगाहों से देख रही हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को भी मुस्लिम वोटों का लालच रहता है, लेकिन वक्फ संशोधन बिल अब आड़े आ रहा है.

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बेशक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी भी मुस्लिम वोटों के एक हिस्से का दावेदार हुआ करती थी, लेकिन वक्फ बिल के सपोर्ट में आ जाने से मुसलमानों के एक पक्ष का जेडीयू को लेकर मोहभंग हो गया है. इफ्तार पार्टी का बहिष्कार इसका सबसे ताजा उदाहरण है. हालांकि जेडीयू मुसलमानों के हित के लिए वक्फ बिल में कुछ संशोधन करवाने में सफल रही. अगर नीतीश कुमार और उनकी पार्टी मुसलमानों को यह समझाने में सफल रही कि उसने संशोधन करवाकर उनके हितों की रक्षा की है, तब तो ठीक है वरना मुसलमान वोट जेडीयू के हाथ से तो गया.

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