पटना: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का मामला अब गरमाता जा रहा है. सभी विपक्षी दलों ने एक सुर में चुनाव आयोग के इस कदम का विरोध किया है और इसे लोकतंत्र का गला घोंटने वाला कदम करार दिया है. इसी कड़ी में मंगलवार को राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि वोटर लिस्ट रिविजन से बिहार में सरकार लोकतंत्र खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग विपक्ष को समय नहीं दे रहा है और बार बार अपने आदेश बदल रहा है. तेजस्वी यादव ने भाजपा पर हमलावर बोलते हुए कहा, चिंटू संघी नेता हमारे खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. उनके लिए हमारे प्रवक्ता ही काफी हैं.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग बार-बार अपने पुराने आदेशों को बदल रहा है. आयोग को खुद समझ नहीं आ रहा कि करना क्या है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर कोई सर्वदलीय बैठक नहीं की है. जो 11 दस्तावेज मांगे गए हैं, चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि कितने प्रतिशत लोगों के पास ये दस्तावेज मौजूद हैं. अगर यह प्रक्रिया जरूरी थी तो इसे एक साल पहले क्यों नहीं शुरू किया गया? चुनाव तो कुछ महीने बाद ही होना है. ऐसे में 25 दिनों के भीतर इतना गहन निरीक्षण कैसे हो पाएगा, चुनाव आयोग को यह बताना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह अभियान गरीबों और वंचित वर्गों का नाम वोटर लिस्ट से हटाने का बहाना है. बिहार में 73% लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहते हैं. मानसून ने गति पकड़ ली है. ऐसे में यह प्रक्रिया उन्हें निश्चित रूप से परेशान करने वाली है. नवंबर में चुनाव है और बिना तैयारी के यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई. बिना कोई व्यवस्था, बिना कोई तैयारी के ये लोग कूद गए हैं. अगर वोट का अधिकार ही छीन लोगे तो क्या बचेगा? 6 दिन गुजर जाने के बाद भी 99.99% लोगों के यहां यह प्रक्रिया शुरू तक नहीं हुई है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने आज तक हमारे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है और न ही कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. केवल सूत्रों के हवाले से खबरें चल रही हैं. जो लोग लूट कर रहे हैं, रिटायर्ड अधिकारी और सत्ता पक्ष के भुजापार्टी वाले, उनका टाइम ओवर हो चुका है. मुख्य चुनाव आयुक्त खुद सामने क्यों नहीं आ रहे हैं? क्यों मिस्टर इंडिया बने हुए है? उन्हें मिस्टर इंडिया नहीं बनना चाहिए.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार का चुनाव यहां की जनता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच की लड़ाई है. नरेंद्र मोदी जी को जवाब देना पड़ेगा. लोग आपको सत्तू भी पिलाएंगे, लिट्टी चोखा भी खिलाएंगे, लेकिन बिहार के लोगों का जवाब देना होगा. तेजस्वी यादव ने कहा बीजेपी के चिंटू संघी नेता हमें नमाजवादी मौलाना कहकर अपमानित कर रहे हैं, लेकिन वे मुद्दों की बात नहीं करते, सिर्फ नफरत की बात करते हैं.
तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में अपनी पांच प्रमुख मांगे भी रखीं:
1. चुनाव आयोग अपने सभी आदेश रद्द करे.
2. 2003 के मतदाता सूची के आधार पर चल रही प्रक्रिया को तत्काल रद्द किया जाए.
3. दस्तावेज मांगे जाने के आदेश को रद्द किया जाए.
4. सर्वदलीय बैठक कर पुनरीक्षण प्रक्रिया को पुनर्नियोजित किया जाए.
5. इस पूरे मामले की न्यायिक या संसदीय जांच कराई जाए.
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