Bihar Chunav 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन की ओर से मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR 2025) किया जा रहा है, जिससे चुनावों में फर्जी वोटिंग की संभावना ना रहे. हालांकि, विपक्ष को इसमें वोट काटने की साजिश नजर आ रही है. इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. इस बीच मुजफ्फरपुर जिले से मतदाता सत्यापन के काम में बड़ी लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई है. दरअसल, चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सत्यापन कार्य को पूरा किए जाने की एक टाइमलाइन सेट की गई है, लेकिन मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा क्षेत्र में इस काम में जुटे अधिकारी काफी सुस्ती से काम कर रहे थे.
मामला संज्ञान में आने पर मुशहरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) ने 27 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और अन्य संबंधित कर्मियों का वेतन भुगतान रोकने का आदेश जारी किया गया है. सभी संबंधित अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण भी मांगा है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन बीएलओ और कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. बीडीओ ने सख्त लहजे में कहा है कि यदि इस कार्रवाई के बाद भी कार्य में सुधार नहीं होता है तो संबंधित बीएलओ और कर्मियों के खिलाफ धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं बीडीओ ने इस संबंध में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी है.
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वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. कोर्ट भी दायर याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई के लिए राजी हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस प्रक्रिया से लाखों मतदाताओं, खासतौर से महिलाओं और गरीब तबके के लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने की प्रबल आशंका है, इसलिए इस प्रक्रिया पर अविलंब रोक लगाई जानी चाहिए और मामले की सुनवाई तुरंत होनी चाहिए.