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भाजपा का नया दांव! प्रवासी बिहारियों को बनाएगी 2025 का किंगमेकर, जानिए क्या है प्लान

Bihar Politics: बीजेपी 2025 के चुनाव से पहले बिहार के बाहर रह रहे 2.75 करोड़ प्रवासी मतदाताओं को टारगेट कर रही है. पार्टी ने 'बिहार दिवस' के जरिए संपर्क बनाया, डेटा इकट्ठा किया और अब वोटिंग के वक्त उन्हें वापस बुलाने की योजना पर काम हो रहा है.

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छठ पूजा के सहारे बीजेपी का मिशन बिहार
छठ पूजा के सहारे बीजेपी का मिशन बिहार
Saurabh Jha|Updated: Jun 06, 2025, 10:44 PM IST
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Bihar Assembly Election 2025 BJP Strategy: बीजेपी का चुनावी साल में प्रचार-प्रसार गजब का है. विपक्ष जब तक कुछ समझ पाता है, तब तक बीजेपी अपनी चाल चल चुकी होती है. बीजेपी ने एक नया और खास योजना तैयार की है और उस पर पहले से ही अमल भी कर रही है. बीजेपी की चुनावी रणनीति जानकर आप भी रह हैरान जाएंगे. आइए जानते हैं क्या है भाजपा का प्लान.

आपको याद होगा बीजेपी ने पूरे देश में बिहार दिवस बड़े धूमधाम से मनाया था. देश के 27 राज्यों में 70 जगहों पर बिहार दिवस के कार्यक्रम हुए, जिसमें बिहार बीजेपी के नेता, मंत्री और सांसद शामिल हुए. 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की थीम पर 27 राज्यों में बिहार की संस्कृति दिखाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए.

बीजेपी ने 27 राज्यों में 'स्नेह मिलन' नाम का एक और कार्यक्रम भी किया था. इसका मकसद था एनडीए सरकार की उपलब्धियों को बताना और इन आयोजनों के जरिए बिहार व अन्य राज्यों में रहने वाले प्रवासी वोटरों तक पहुंचना. ये कार्यक्रम बीजेपी की शानदार रणनीति और प्रवाशी बिहारियों तक पहुंचने का जरिया था.

भाजपा का फोकस दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बसे करीब 2.75 करोड़ प्रवासी बिहारी वोटरों पर है. इनसे संपर्क करने के लिए पार्टी ने 150 नेताओं और कार्यकर्ताओं की टीम बनाई है. ये टीम पूरे देश में ड्यूटी पर तैनात हैं. अमित शाह और जेपी नड्डा खुद इस पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं. भाजपा की रणनीति है कि छठ पूजा के दौरान जब बड़ी संख्या में प्रवासी बिहारी अपने गांव लौटेंगे, तो उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया जाए. हर साल की तरह इस बार भी केंद्र सरकार छठ पूजा स्पेशल ट्रेनें चलाएगी, ताकि लोग आसानी से अपने क्षेत्र में पहुंचकर त्यौहार मानाने के साथ-साथ मतदान कर सकें. पार्टी का लक्ष्य है कि हर विधानसभा सीट से कम से कम 5,000 प्रवासी बिहारी मतदान करें.

अब जानिए बीजेपी के लिए ये कैसे काम करेगा. दरअसल बिहार दिवस के कार्यक्रमों के दौरान प्रवासी बिहारियों के नाम, वोटर संख्या, व्यवसाय, पता, विधानसभा क्षेत्र और जिलों की जानकारी जुटाई गई. बीजेपी ने एक ऐप बनाया है, जिस पर ये डेटा अपलोड किया जाएगा. इस ऐप के जरिए फॉलोअप कॉल करके पता लगाया जाएगा कि वे वोट देने बिहार आएंगे या नहीं. उसके बाद चुनाव की तारीख नजदीक आने पर बीजेपी 14 सवालों की प्रश्नावली के जरिए फिर प्रवासी बिहारियों से संपर्क करेगी. इस फॉर्म का नाम 'आम बिहारी प्रवासी की जानकारी' है, जिसमें जाति, राजनीतिक झुकाव, स्थानीय प्रभाव जैसे बिंदुओं पर जानकारी ली जाएगी. अगर कोई व्यक्ति बीजेपी का समर्थक निकला तो उसे भी अभियान में शामिल किया जाएगा.

भाजपा यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कितने प्रवासी बिहारियों के पास बिहार का वोटर आईडी है. जिनके पास नहीं है, पार्टी उन्हें वोटर आईडी बनवाने में मदद करेगी. पिछली बार 10-15 सीटें ऐसी थीं, जहां एनडीए कुछ वोटों से हारी थी. इस बार प्रवासी वोटरों के सहारे भाजपा इन सीटों को जीतने की तैयारी में है. इस बार चिराग पासवान की जगह प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज चुनौती देने आ रही है. भाजपा का मानना ​​है कि अगर वह हर सीट से कम से कम 5,000 प्रवासी बिहारी वोट हासिल कर ले तो न सिर्फ वोट प्रतिशत बढ़ेगा, बल्कि पीके के संभावित नुकसान की भरपाई भी हो सकेगी.

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