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चिराग पासवान के शक्ति प्रदर्शन से भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं, हाजीपुर में पशुपति कुमार पारस के लिए बढ़ी परेशानी

Bihar politics : हाजीपुर पूरा शहर अस्त व्यस्त हो गया. चिराग पासवान अपने मां रीना पासवान के साथ मंगलवार को अपने पिता के कर्मभूमि हाजीपुर संसदीय क्षेत्र पहुंचे, जहां उन्होंने बड़ी जनसभा को संबोधित भी किया.

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चिराग पासवान के शक्ति प्रदर्शन से भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं, हाजीपुर में पशुपति कुमार पारस के लिए बढ़ी परेशानी
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jan 16, 2024, 08:14 PM IST
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पटना : लोजपा रामविलास के सर्वेसर्वा चिराग पासवान मंगलवार को हाजीपुर पहुंचे. एक तरह से उनका यह शक्ति प्रदर्शन था. चाचा पशुपति कुमार पारस के संसदीय क्षेत्र में चिराग पासवान के कार्यक्रम में भारी जनसैलाब उमड़ा. चिराग के स्वागत में हाथी, घोड़े, ऊंट और बैंड—बाजे के अलावा 300 से अधिक टेंपो का काफिला शामिल हुआ. इस कारण चिराग पासवान जाम में भी फंस गए. हालांकि भीड़ और समर्थकों का उत्साह देख वे काफी खुश दिखे. चिराग और उनकी मां रीना पासवान ने कहा, हम इतना ही चाहते हैं कि आप सभी लोग चिराग पासवान को अपना आशीर्वाद दें. 

चिराग पासवान के समर्थकों का हूजूम जुटने से कार्यक्रम स्थल वाला पूरा ग्राउंड भर गया था. हालत यह हो गई कि महात्मा गांधी सेतु पुल से लेकर 5 किलोमीटर दूर तक चिराग के समर्थक पैदल सड़कों पर दौड़ते रहे. हाजीपुर पूरा शहर अस्त व्यस्त हो गया. चिराग पासवान अपने मां रीना पासवान के साथ मंगलवार को अपने पिता के कर्मभूमि हाजीपुर संसदीय क्षेत्र पहुंचे, जहां उन्होंने बड़ी जनसभा को संबोधित भी किया.

लोजपा रामविलास के प्रदेश अध्यक्ष राजू पांडेय ने कहा, चिराग पासवान न केवल हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे, बल्कि सर्वाधिक वोटों से जीत का अपने पिता रामविलास पासवान का रिकॉर्ड भी तोड़ेंगे. इसलिए आज 16 जनवरी को संकल्प महासभा का आयोजन किया गया है. भीड़ भी चिराग के लिए पलक पावड़े बिछाए हुए थी. चिराग के आते ही भीड़ ने नारे लगाने शुरू किए— हमारा नेता कैसा हो... चिराग पासवान जैसा हो. चिराग पासवान ने भी खुद को हाजीपुर का असली बेटा बताया और कहा कि यह मेरे पिता की कर्मभूमि है और अपने पिता की तरह वह इस धरती की सेवा करेंगे. यह उनका अधिकार है और इस अधिकार से उन्हें कोई जुदा नहीं कर सकता.

हाजीपुर सीट पर क्यों गड़ी चिराग की निगाह 

हाजीपुर सीट से चिराग पासवान को भावनात्मक लगाव होना स्वाभाविक है. 1977 में चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान ने यहां से रिकॉर्ड वोट पाए थे और वह अचानक फेमस हो गए थे. हाजीपुर की जनता ने रामविलास पासवान को करीब 8 बार लोकसभा भेजा. 1977, 1980, 1989, 1996, 1998, 1999, 2004, 2014 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान यहां से लगातार चुने जाते रहे. हाजीपुर की जनता ने एक बार रामविलास पासवान को 4 लाख तो दूसरी बार पांच लाख से भी अधिक मतों से जिताया. अब चिराग पासवान का कहना है कि जिस क्षेत्र की जनता ने मेरे पिता को विशिष्ट बनाया, जिस क्षेत्र के लिए मेरे पिता ने खून पसीना बहाया हो, वहां की जनता का साथ मैं कैसे छोड़ सकता हूं.

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