Rahul Gandhi Bihar Visit: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी 6 जून को बिहार दौरे पर आए और न्याय का अधिकार कार्यक्रम को संबोधित करते वक्त कुछ ऐसा बोल गए, जो तेजस्वी यादव के लिए नागवार गुजर सकती है. दरअसल, तेजस्वी यादव बिहार में जातीय जनगणना का क्रेडिट लेते रहते हैं और राहुल गांधी जब भी आते हैं, बिहार की जातीय जनगणना की हवा निकालने की कोशिश करते रहते हैं. अब देखिए न, अप्रैल में जब राहुल गांधी पटना के दौरे पर थे, तब उन्होंने बिहार की जातीय जनगणना को फर्जी करार दिया था. तब बिहार कांग्रेस के नेताओं ने लीपापोती करने की कोशिश की थी. उसके बाद राहुल गांधी जब जब बिहार आए, जातीय जनगणना को लेकर बिहार के बदले तेलंगाना मॉडल को तरजीह देते रहे.
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शुक्रवार को ही राहुल गांधी ने बिहार के राजगीर में न्याय अधिकार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मोदी सरकार कभी भी असली जातिगत जनगणना नहीं करवाएगी, क्योंकि जिस दिन इन्होंने असली जातिगत जनगणना कर ली, उस दिन इनकी राजनीति खत्म हो जाएगी. राहुल गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना के दो मॉडल हैं- एक BJP वाला मॉडल और दूसरा तेलंगाना का मॉडल.
तेलंगाना वाला मॉडल कांग्रेस का अपना मॉडल है, ये सभी को पता है लेकिन राहुल गांधी क्या अप्रत्यक्ष रूप से बिहार वाले मॉडल को भाजपा का मॉडल बता रहे हैं. बिहार में जब जातीय जनगणना हुई थी, तब तो महागठबंधन की सरकार थी और उसमें कांग्रेस की भी भागीदारी थी. भारतीय जनता पार्टी उस समय विपक्ष में थी, लेकिन जातीय जनगणना के मुद्दे पर सभी दलों में सहमति थी. अब सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी अपनी ही सरकार की ओर से कराए गए जातीय जनगणना को खारिज कर रहे हैं? और तो और... उसे भाजपा का मॉडल भी बता रहे हैं.
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राहुल गांधी को पता है कि राजद के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जातीय जनगणना का श्रेय खुद लेने की कोशिश करते रहे हैं. तेजस्वी यादव वादा कर रहे हैं कि राजद और महागठबंधन की सरकार आई तो जातीय जनगणना से आगे जाकर आरक्षण दिलाने की कोशिश करेंगे और सीमांत लोगों को संसाधनों पर पहला हक सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे. यह सब जानने के बाद भी राहुल गांधी क्या तेजस्वी यादव की क्रेडिट को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं? अगर ऐसा है तो यह राजद और लालू परिवार के लिए खतरे की घंटी है.