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Bihar Chunav 2025: क्या बिहार में चुपचाप लागू कर दी गई NRC? वोटर लिस्ट में सुधार से विपक्ष में खलबली

Bihar Chunav 2025: बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में सुधार किए जाने की प्रक्रिया को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है. तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया को लेकर अपनी नाराजगी जताई है तो वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में गुप्त तरीके से एनआरसी लागू करने का दावा किया है.

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क्या बिहार में लागू हो गई NRC?
क्या बिहार में लागू हो गई NRC?
K Raj Mishra|Updated: Jun 29, 2025, 01:33 PM IST
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Is NRC Implemented Bihar: बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. चुनाव में फर्जी मतदान ना हो सके, इसके लिए इलेक्शन कमीशन की ओर से वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है. 30 सितंबर 2025 तक इस काम को समाप्त किया जाना है. इसके लिए बूथ लेवल एजेंट और ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं. साल 2003 के बाद चुनाव आयोग पहली बार इतनी बारीकी से मतदाता सूची की जांच कर रहा है. विपक्ष इस पर सवाल उठा रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि राज्य के 8 करोड़ लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर निकालने की साजिश रची जा रही है. उनका कहना है कि बीजेपी को जिताने के लिए यह काम किया जा रहा है. इस सबके बीच हैदराबाद के सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने NRC का मुद्दा छेड़ दिया है. 

ओवैसी का कहना है कि चुनाव आयोग बिहार में गुप्त तरीके से एनआरसी लागू कर रहा है. ओवैसी ने कहा कि वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब हर नागरिक को दस्तावेजो के जरिए साबित करना होगा कि वह कब और कहां पैदा हुए थे और साथ ही यह भी कि उनके माता-पिता कब और कहां पैदा हुए थे? AIMIM का दावा है कि इस प्रक्रिया का परिणाम यह होगा कि बिहार के गरीबों की बड़ी संख्या को वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा.उन्होंने कहा कि चुनाव के इतने करीब इस तरह की कार्रवाई शुरू करने से लोगों का निर्वाचन आयोग पर भरोसा कमजोर हो जाएगा.

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क्या है NRC?

NRC का फुल फॉर्म नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन है. यह एक रजिस्टर है जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा. इसका मकसद देश में अवैध रूप से बसे घुसपैठियों को बाहर निकालना है. बता दें कि साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में एनआरसी की शुरुआत असम में हुई थी. फिलहाल यह असम के अलावा किसी अन्य राज्य में लागू नहीं है. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ये साफ कर चुके हैं कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाएगा. एनआरसी के तहत भारत का नागरिक साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि उसके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आ गए थे. बता दें कि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बावजूद एनआरसी को पूरे देश में अभी तक लागू नहीं किया जा सका है, क्योंकि इसको लेकर काफी विरोध हुआ था. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी थी.

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