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Jharkhand Election 2024: हेमंत सोरेन को दूसरा बड़ा झटका! चंपई के बाद आज ये नेता थामेंगे BJP का दामन

Lobin Hembram : लोबिन हेंब्रम ने लोकसभा चुनाव में राजमहल सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा था, जबकि जेएमएम ने उसी सीट के लिए विजय हांसदा को टिकट दिया था. इस फैसले से नाराज होकर लोबिन ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. इसके बाद जेएमएम ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया.

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Jharkhand Election 2024: हेमंत सोरेन को दूसरा बड़ा झटका! चंपाई के बाद आज ये नेता थामेंगे  BJP का दामन
Jharkhand Election 2024: हेमंत सोरेन को दूसरा बड़ा झटका! चंपाई के बाद आज ये नेता थामेंगे BJP का दामन
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Aug 31, 2024, 12:32 PM IST
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Jharkhand Election 2024: झारखंड में 2024 के विधानसभा चुनावों के ऐलान से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को एक और बड़ा झटका लगने वाला है. जेएमएम के पुराने और प्रभावशाली नेता लोबिन हेंब्रम आज बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. वह आज दोपहर 12 बजे बीजेपी कार्यालय में पार्टी की सदस्यता लेंगे. 

6 साल के लिए पार्टी से कर दिया था निष्कासित 
जानकारी के अनुसार लोबिन हेंब्रम ने पहले ही जेएमएम से बगावत कर लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था. इसके बाद जेएमएम ने उन पर कार्रवाई करते हुए मई 2024 में उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. एक महीने पहले ही स्पीकर न्यायाधिकरण ने दल-बदल के मामले में सुनवाई के बाद लोबिन हेंब्रम की सदस्यता रद्द कर दी थी. इससे पहले शुक्रवार को चंपाई सोरेन भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. उन्हें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी.

लोबिन हेंब्रम का निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला
लोबिन हेंब्रम ने लोकसभा चुनाव में राजमहल सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था, जबकि जेएमएम ने उसी सीट के लिए विजय हांसदा को टिकट दिया था. पार्टी के इस फैसले से नाराज होकर लोबिन ने निर्दलीय पर्चा भरा. इसके बाद, जेएमएम ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया. इसके अलावा झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सत्ता में बदलाव हुआ और चंपाई सोरेन को नया मुख्यमंत्री चुना गया. इस फैसले से लोबिन हेंब्रम नाराज हो गए थे. इसके अलावा, जब लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की मांग की गई, तो उन्हें टिकट नहीं दिया गया जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई.

पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़े लोबिन हेंब्रम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोबिन हेंब्रम का मानना था कि जिस तरह दुर्गा सोरेन के निधन के बाद हेमंत सोरेन को गद्दी मिली थी, उसी तरह अब हेमंत सोरेन के पद छोड़ने के बाद सत्ता बसंत सोरेन को मिलनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में यही नियम लागू होते हैं, तो दुर्गा सोरेन के बाद पार्टी की कुर्सी सीता सोरेन को मिलनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इन सभी कारणों से लोबिन हेंब्रम ने पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया और अब वे बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. इससे जेएमएम को बड़ा झटका लगा है.

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