Jharkhand Politics: झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के विभिन्न मुद्दों को गृह मंत्री के समक्ष रखा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने स्पष्ट कहा है कि गृह मंत्री शीघ्र जाकर इन मांगों पर त्वरित कार्रवाई करें और कार्य योजना बनाएं नहीं तो, अब याचना नहीं, रण होगा. झारखंडी हक अधिकार और बकाया पैसे के लिए सरकार से लेकर पार्टी स्तर पर संघर्ष होगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस बयान के बाद राजनीतिक फिजा में गर्माहट महसूस की जा रही है.
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झारखंड मुक्ति मोर्चा की महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि गृह मंत्री ने यहां कर बैठक की और बैठक में सब की बातों को सुना. अब स्पष्ट कहना है कि हमारी मांगों पर शीघ्र जाकर वह कार्य योजना बनाएं और हमें हमारा हक दिया जाए, वरना एक बात स्पष्ट है की याचना नहीं अब रण होगा भीषण महासंग्राम होगा.
वहीं झारखंड कांग्रेस विधायक दल के उप नेता राजेश कश्यप ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारा हक लूट लिया है. अगर हमें हमारा हक नहीं मिलेगा, तो हम कूट कर भी हक लेंगे. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आज भी चुनावी मोड में है. देश के संसदीय व्यवस्था में दो ढांचा काम करती है. राज्य का रिवेन्यू कलेक्शन केंद्र को जाता है. किसान खेत जोतकर आपको अन्न देना है, लेकिन जब उसे रिटर्न करने की बात आती है तो आप नहीं देंगे. हमारी संपदा में हमारी हिस्सेदारी सुनिश्चित होनी चाहिए. हमारा जो बकाया है उसकी डिमांड हमने किया है गृह मंत्री के सामने गृह मंत्री और उनके प्रवक्ताओं के द्वारा सकारात्मक बयान नहीं दिया गया है इससे प्रतीत होता है कि वह लोग चुनावी मोड में है और झारखंड से बिहार और बंगाल को टारगेट कर रहा है. केंद्र ने हमारे हक को लूट कर रखा है. अगर हमें हमारा हक नहीं मिलेगा, तो हमसे लूटा हक हम कूट कर लेंगे.
वहीं बीजेपी नेता अशोक बड़ाइक ने पटलवार करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चलने वाली सरकार के पास करने के लिए कुछ नहीं है. बस दोषारोपण केंद्र पर कर सकते हैं. जबकि केंद्र अपने पुत्र की तरह झारखंड को प्यार करता है और कई सौगातें झारखंड को दी गई हैं. जब केंद्र राज्य को पैसा देती है, तो यह राज्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा देता है. केंद्र से पैसा मांगते हैं. अपना राजस्व बढ़ाने के लिए ना कि झारखंड और झारखंडियों के विकास के लिए यह अपना पॉकेट भरना जानते हैं.
इनपुट- कामरान जलीली
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