Who Is Mangni Lal Mandal: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्य विपक्षी दल राजद अपने संगठन में बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हाने की तैयारी चल रही है. अब उनकी जगह मंगनी लाल मंडल को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा. मंगनी लाल मंडल ने शनिवार (14 जून) को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल किया. अभी तक के घटनाक्रम के अनुसार मंगनी लाल मंडल का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है, क्योंकि उनके अलावा किसी अन्य ने नामांकन नहीं किया है.
मंगनी लाल मंडल का निजी जीवन भी काफी दिलचस्प है. उन्होंने दो शादियां की हैं. यह बात उन्होंने चुनाव आयोग से छिपाई थी, इस कारण से लोकसभा चुनाव में उनका नामांकन भी रद्द हो गया था. कोर्ट में दायर एक मुकदमे के अनुसार मंगनी राम दो जगहों पर अपनी अलग-अलग पत्नियों के साथ वोट दिए थे. कोर्ट ने जब जानना चाहा कि उनकी कितनी पत्नियां है. इसके जवाब में मंगनी लाल ने कहा था कि उनकी कितनी पत्नियां हैं, वे नहीं जानते. इसके अलावा मंगनी लाल की पहली पत्नी और बेटे ने उन पर मारपीट करने के आरोप लगाए थे. वहीं राजनीति में वह छात्र जीवन से ही उतर आए थे.
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समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर से प्रभावित होकर उन्होंने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रखा था. मंडल 1986 से 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे और इस दौरान लालू यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे. 2004 से 2009 तक राज्यसभा और 2009 से 2014 तक लोकसभा सांसद रहे. 2019 में आरजेडी छोड़कर जेडीयू ज्वाइन कर ली थी, लेकिन जनवरी 2025 को फिर से आरजेडी में लौट आए. सियासी जानकारों के मुताबिक, चुनाव से ठीक पहले लालू-तेजस्वी ने एक बड़ा दांव खेला है. बता दें कि मंगनी लाल मंडल आरजेडी के पुराने और वफादार नेताओं में गिने जाते हैं और अतिपिछड़ा समाज से आते हैं.
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माना जा रहा है कि पार्टी इस नियुक्ति के जरिए अतिपिछड़े वर्ग को अपने साथ मजबूती से जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है. बिहार में EBC एक निर्णायक वोटबैंक है. लालू यादव का यह फैसला EBC वोटरों को साधने और उत्तर बिहार, खासकर मिथिलांचल क्षेत्र में आरजेडी की खोई जमीन वापस पाने की कोशिश है. मंडल का चयन न केवल जातीय समीकरण साधने के लिए है, बल्कि यह लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद आत्ममंथन का नतीजा भी है. इसके अलावा मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, जो राजपूत समुदाय से हैं, लंबे समय से पार्टी की गतिविधियों से दूरी बनाए हुए थे.
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