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बिहार की राजनीति के हॉटकेक बने मुकेश सहनी, तेजस्वी ने कृष्णा अल्लावुरु जितनी तरजीह दी और अब BJP कर रही ये बड़ा दावा

BIhar Politics: मुकेश सहनी... कम समय में बिहार की राजनीति में अपना स्थान बनाने वाले निषाद समाज के सबसे बड़े नेता एक बार फिर अग्निपरीक्षा के दौर से गुजर सकते हैं. देखना यह है कि वे महागठबंधन में ही टिके रहते हैं या फिर एनडीए का दामन थामते हैं.

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बिहार की राजनीति के हॉटकेक बने मुकेश सहनी, तेजस्वी ने कृष्णा अल्लावुरु जितनी तरजीह दी और अब BJP कर रही ये बड़ा दावा
बिहार की राजनीति के हॉटकेक बने मुकेश सहनी, तेजस्वी ने कृष्णा अल्लावुरु जितनी तरजीह दी और अब BJP कर रही ये बड़ा दावा
Sunil MIshra|Updated: Apr 18, 2025, 11:27 PM IST
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Bihar Politics: 2020 के विधानसभा चुनाव में 11 सीटों पर लड़ने और केवल 4 सीटों पर जीत हासिल करने वाली विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी आजकल बिहार की राजनीति के हॉटकेक बने हुए हैं. लोकसभा चुनाव में 3 सीटों पर लड़ने और एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं करने के बाद भी उनको जितनी तरजीह महागठबंधन में मिल रही है, उतनी ही भाजपा उनको अपने पाले में करने के लिए ललचा रही है. हाल ही में भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने यह दावा किया है कि महागठबंधन का एक अहम घटक दल एनडीए के पाले में आ सकता है. अब राजद, कांग्रेस और वामदल तो एनडीए में आने से रहे. इसलिए दिलीप जायसवाल के इशारे से यह समझा जा सकता है कि वे मुकेश सहनी की पार्टी की बात कर रहे हैं.

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डॉ. दिलीप जायसवाल के इशारे से यह कयासबाजी तेज हो गई है कि मुकेश सहनी क्या पाला बदल सकते हैं. लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के साथ हेलीकॉप्टर में दोनों का वीडियो बहुत वायरल हुआ था. एक दिन पहले जब महागठबंधन के नेताओं की पटना में बैठक हुई तो बीच में तेजस्वी यादव बैठे और उनके बाई ओर कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावुरु और दाईं तरफ मुकेश सहनी बैठे दिखाई दिए थे. 

इस बीच आपको यह बताते चलें कि मुकेश सहनी महागठबंधन की सरकार बनने पर डिप्टी सीएम पद के लिए दावा ठोकते आ रहे हैं. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र भाजपा के एक बड़े नेता ने मुकेश सहनी से संपर्क किया है. यह भी कहा जा रहा है कि केंद्रीय राजनीति में मुकेश सहनी को अहम पद देने की बात कही गई है. हालांकि गुरुवार को जब महागठबंधन की बैठक हुई और उसके बाद हुए प्रेस कांफ्रेंस में मुकेश सहनी ने एनडीए पर करारा हमला बोला और खुद को महागठबंधन का अहम हिस्सा करार दिया था. 

बिहार की राजनीति में कम समय में अपनी जगह बना चुके मुकेश सहनी का सभी दलों के बड़े नेताओं से मधुर संबंध जगजाहिर है. भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री अमित शाह से उनके संबंध तो हैं ही, पीएम मोदी उनको अपना मित्र बताते हैं. दूसरी ओर, महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के भी वे खासमखास माने जाते हैं. नीतीश कुमार और मुकेश सहनी के बीच भी रिश्तों में अच्छी खासी गर्मजोशी मानी जाती है.

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मुकेश सहनी का राजनीतिक सफर

2013 में मंगल पांडेय के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहते मुकेश सहनी भाजपा से जुड़े थे और मल्लाहों के हक की आवाज उठाकर उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. 

2014 के लोकसभा चुनाव और 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा की ओर से बैटिंग की थी. निषाद आरक्षण को मुद्दा बनाकर उन्होंने भाजपा पर विश्वासघात का आरोप लगाया और निषाद विकास मंच की स्थापना की थी और 2018 में विकासशील इंसान पार्टी का गठन किया था. 

2019 में मुकेश सहनी राजद के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में गए थे पर बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. 

2020 के विधानसभा चुनाव में राजद पर विश्वासघात का आरोप लगाकर मुकेश सहनी वापस एनडीए में आ गए थे. 

2020 में एनडीए के बैनर तले मुकेश सहनी की पार्टी ने 11 सीटों पर भाग्य आजमाया और केवल 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 

भाजपा ने उन्हें अपने कोटे से एमएलसी बनाया था और वे नीतीश कुमार की सरकार में मत्स्य और पशुपालन मंत्री बनाए गए थे. 

2022 में एक बार फिर वे एनडीए से अलग हो गए थे और 2024 का लोकसभा चुनाव महागठबंधन के बैनर तले लड़ा. 3 सीटों में से उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.

2020 में इन 11 सीटों पर चुनाव लड़ी थी वीआईपी

ब्रह्मपुर
बोचहां (जीत)
गौरा बोराम (जीत)
सिमरी बख्तियारपुर (यहां से मुकेश सहनी खुद चुनाव हार गए थे.)
सुगौली
मधुबनी
साहेबगंज (जीत)
बलरामपुर
अलीनगर (जीत)
बनियापुर
बहादुरगंज

2024 के लोकसभा चुनाव में इन 3 सीटों पर आजमाया था भाग्य

मोतिहारी
गोपालगंज
झंझारपुर

मुकेश सहनी क्यों बने हॉटकेक?

मल्लाह और निषाद बिहार में अति पिछड़ी जाति में आते हैं और इनकी कुल 17 जाति और उपजातियां हैं. बिहार में इन 17 जातियों और उपजातियों की कुल आबादी 6 प्रतिशत है. उत्तर बिहार में इन जातियों का अच्छा खासा वोट बैंक है. यही कारण है कि भाजपा और राजद राजनीतिक रूप से मुकेश सहनी को खुद के लिए फायदेमंद मानते हैं.

इसके अलावा, कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद के निधन के बाद मल्लाहों के नेता के रूप में राजनीति तो कई नेताओं ने की, लेकिन मुकेश सहनी मल्लाहों के सर्वमान्य नेता के रूप में उभरे. भाजपा ने हरि सहनी को खड़ा किया और मंत्री भी बनाया पर वे मुकेश सहनी की तरह खुद को उभारने में नाकामयाब साबित हुए. 

अगर मुकेश सहनी एनडीए में आते हैं तो... 

इस समय भाजपा के साथ बिहार में जेडीयू, लोजपा रामविलास, राष्ट्रीय लोक मोर्चा और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा एनडीए में शामिल हैं. इन दलों के बीच सीटों का तालमेल अभी असमंजस में फंसा हुआ है. इस बीच अब अगर मुकेश सहनी एनडीए में आते हैं तो सीटों का तालमेल और उलझ सकता है. दूसरी ओर, मुकेश सहनी महागठबंधन में रहकर लगातार डिप्टी सीएम पद पर अपना दावा ठोक रहे हैं, तो क्या एनडीए में वे ​ऐसा कर सकते हैं, यह भी देखने वाली बात होगी.

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