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Bihar Chunav 2025: चुनावी साल में नीतीश कुमार की 5 बड़ी घोषणाएं, जो बदल सकती हैं बिहार इलेक्शन का रुख!

Bihar Assembly Election 2025: सीएम नीतीश कुमार ने चुनावी साल में 5 ऐसे फैसले लिए हैं, जिन्हें मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है. सियासी जानकारों के मुताबिक, इन फैसलों का आगामी चुनावों में असर जरूर देखने को मिलेगा. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि मुख्यमंत्री उनके एजेंडे चुरा रहे हैं.

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सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार
K Raj Mishra|Updated: Jul 13, 2025, 12:14 PM IST
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Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच रस्साकशी अब काफी कटीली हो गई है. चुनावी साल में सीएम नीतीश कुमार एक के बाद एक ऐसी घोषणाएं कर रहे हैं या योजनाएं लागू कर रहे हैं, जो आगामी चुनाव का रुख बदलकर रख सकती हैं. बीते मंगलवार (08 जुलाई) को बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 43 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी. इनमें महिलाओं, युवाओं और किसानों पर विशेष फोकस किया गया. आज हम आपको नीतीश कुमार के ऐसे 5 फैसलों की जानकारी देने जा रहे हैं, जो उन्होंने हाल ही लिए हैं. चुनावी साल में इन सभी कदमों को नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है.

  1. 1 करोड़ सरकारी नौकरी और रोजगार- चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं को साधने के लिए बड़ी घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने वादा किया है कि अगले 5 साल में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार दी जाएगी. अपने कामों का रिपोर्टकार्ड पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, ये शुरू से ही हमारी सोच रही है. साल 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई. उन्होंने आगे कहा कि राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने की गति को और बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में हमने सात निश्चय-2 में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का संकल्प लिया था. बाद में इसे बढ़ाकर अगस्त 2025 तक 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 38 लाख लोगों को रोजगार का लक्ष्य निर्धारित करते हुए कुल 50 लाख नौकरी/रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और लगभग 39 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षों में यानी 2020-25 के लक्ष्य को दोगुना करते हुए एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है.
  2. सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण और डोमिसाइल- महिला सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने काफी काम किए हैं. महिलाओं के रोजगार, गरीबी उन्मूलन एवं उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए अब मुख्यमंत्री ने सरकारी नौकरियों में बिहार की महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में महिलाओं को मिलने वाले 35 फीसदी आरक्षण में डोमिसाइल नीति लागू कर दी है. इससे अब बिहार सरकार की नौकरियों में राज्य की ज्यादा से ज्यादा महिलाओं का चयन हो सकेगा. इससे पहले बिहार सरकार ने अपने बजट में महिलाओं के लिए मोबाइल जिम, कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल, पिंक टॉयलेट, पिंक बस सेवा, परिवहन निगम में आरक्षण और महिला हाट जैसी योजनाओं का ऐलान किया था. बिहार में कुल 3 करोड़ 64 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. इस लिहाज से एनडीए सरकार का यह फैसला चुनावों की दिशा बदलने का काम कर सकता है. 
  3. किसानों के लिए ये अहम फैसले- पिछली कैबिनेट बैठक में किसानों के हित में कई फैसले पर मुहर लगी थी, जिनमें डीजल अनुदान योजना, मिलेट्स, रबी और दलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई. इस बैठक में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के अंतर्गत पोषक अनाज (बाजरा) योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में बाजरा फसल को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स कार्यक्रम के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई तथा इसके लिए कुल 46 करोड़ 75 लाख रुपए की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई थी. डीजल अनुदान योजना के तहत 100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए. इसमें किसानों को तीन सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी मिलेगी. एक किसान को अधिकतम आठ एकड़ के लिए डीजल सब्सिडी मिलेगी.
  4. युवा आयोग का गठन- बिहार के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उन्हें प्रशिक्षित करने तथा सशक्त और सक्षम बनाने के उद्देश्य से युवा आयोग का गठन किया गया है. यह आयोग युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सरकारी विभागों के साथ यह आयोग समन्वय भी करेगा. बिहार युवा आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और सात सदस्य होंगे, जिनकी अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष होगी. सीएम ने कहा कि युवा आयोग के माध्यम से बिहार का युवा आत्मनिर्भर, दक्ष और रोजगारोन्मुखी बनेगा.
  5. पेंशन में तीन गुना बढ़ोतरी- विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीएम नीतीश कुमार ने प्रदेश में वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन की राशि को तीन गुना तक बढ़ा दिया है. पेंशन राशि बढ़ाने की मांग लंबे समय से चल रही थी. जिस पर अब बिहार के वित्त विभाग मोहर लगा दी है. अब हर महीने 400 रुपए की बजाए 1100 रुपये पेंशन मिलेगी. प्रदेश में 80 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 16,07,527 (लगभग 2.06%) जिनकी उम्र 100 वर्ष और उससे अधिक है. वहीं बिहार में दिव्यांग जनों की आबादी 8.69% है. इस महीने से ही प्रदेश के करीब 1.09 करोड़ लाभार्थियों के खाते में बढ़ी हुई पेंशन आने लगेगी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि पेंशन बढ़ोतरी हमारी नीति और हमारे विजन का हिस्सा है. सरकार ने हमारे एजेंडा की नकल की है.

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