Bihar Cabinet Meeting: बिहार में चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बीच नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने इस काम के लिए करोड़ रुपये का बजट पास किया है. आज (15 जुलाई) को हुई कैबिनेट बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को पास कर दिया गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में हुई कैबिनेट बैठक में 30 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी. इस बैठक में चुनाव आयोग के SIR अभियान के लिए 51 करोड़ 68 लाख की राशि को मंजूरी दे दी. मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण अभियान में जुटे बीएलओ की मेहनत से खुश होकर सरकार ने उनके मानदेय को बढ़ा दिया है.
सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण में लगे 77 हजार 895 बीएलओ और 8 हजार 245 बीएलओ सुपरवाइजर को उनके वार्षिक मानदेय के अतिरिक्त प्रत्येक को अतिरिक्त एकमुश्त मानदेय 6 हजार रुपये की दर से भुगतान हेतु कुल 51 करोड़ 68 लाख 40 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं. बता दें कि मतदाता सूची तैयार करने की जिम्मेदारी बीएलओ की होती है. इस तरह से बीएलओ भारत निर्वाचन आयोग की सबसे मजबूत कड़ी है.
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SIR अभियान में लगे बीएलओ दो चरणों में लोगों के घर-घर जाकर जांच कर चुके हैं. बीएलओ की जांच के आधार पर अब तक बिहार में कुल 7,89,69,844 मतदाताओं में से 6,60,67,208 यानी 83.66% मतदाताओं से EF प्राप्त हो चुके हैं. ECINet पर अब तक 5.74 करोड़ फॉर्म अपलोड किए जा चुके हैं. अब इस काम में 11 दिन शेष रह गए हैं. अब तक 88.18% मतदाताओं ने या तो EF जमा कर दिया है या मृत पाए गए हैं या फिर एक स्थान पर नाम बरकरार रखा गया है या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं. अब केवल 11.82% वोटरों का EF भरा जाना शेष है और उनमें से कई ने दस्तावेज़ों के साथ फॉर्म जमा करने के लिए समय मांगा है.
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