बिहार विधानसभा में मंगलवार को चारा घोटाला को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले में बार-बार लालू प्रसाद यादव का नाम लेने वाले नेताओं को घेरते हुए कहा कि जगन्नाथ मिश्रा का नाम क्यों नहीं लिया जाता, जबकि उन्हें भी इस घोटाले में दोषी ठहराया गया था. इस पर मंत्री नीतिश मिश्रा ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि उनको दो मामलों में विशेष अदालत ने बरी कर दिया था. इस पर तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि जगन्नाथ मिश्रा को अन्य मामलों में सजा हुई थी, जिसके बाद सदन में माहौल गर्म हो गया और स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा.
नीतिश मिश्रा ने तेजस्वी यादव को बहस की खुली चुनौती दी
इस नोकझोंक के बाद नीतिश मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट कर तेजस्वी यादव को सार्वजनिक बहस की खुली चुनौती दी. उन्होंने लिखा कि चारा घोटाले का सच बिहार की जनता को पता चलना चाहिए और तेजस्वी यादव को खुली बहस के लिए मंच पर आना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव और राजद के अन्य नेता न्यायपालिका को जातिगत चश्मे से देखकर समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं.
माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव जी को चारा घोटाला मामले में सार्वजनिक मंच पर मुझसे बहस करने के लिए आमंत्रण
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माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव जी एवं राजद के अन्य नेताओं को चारा घोटाला के इन आंकड़ों को अवश्य देखना चाहिए। वर्ष… pic.twitter.com/a8sDMqO1Yq— Nitish Mishra (@mishranitish) March 4, 2025
चारा घोटाले में लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्रा की भूमिका पर सवाल
नीतिश मिश्रा ने अपने पोस्ट में लिखा कि 1990 से 1996 के बीच जब चारा घोटाला हुआ, तब मुख्यमंत्री कौन था, यह सभी जानते हैं. उन्होंने तेजस्वी यादव से सवाल किया कि डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को दो मामलों में बरी किए जाने पर तो वे सवाल उठाते हैं, लेकिन उन्हीं मामलों में राजद के पूर्व पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद को बरी किए जाने पर चुप क्यों रहते हैं? उन्होंने आगे लिखा कि 28 साल पुराने इस मामले का सच जनता को पता होना चाहिए और इसके लिए तथ्यों सहित एक खुली बहस जरूरी है.
जनता के सामने सच लाने की अपील
नीतिश मिश्रा ने जनता से अपील करते हुए कहा कि इस घोटाले के पूरे तथ्य सामने आने चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर राजनीति न करे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की भूमिकाएं एक जैसी नहीं होतीं और इसी तरह चारा घोटाले में लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्रा की भूमिकाएं भी अलग-अलग थीं. उन्होंने तेजस्वी यादव को चुनौती देते हुए कहा कि वे इस बहस के लिए समय और मंच तय करें, ताकि बिहार की जनता खुद सच्चाई जान सके.
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