Pappu Yadav Speech on Waqf Bill: बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान अपने बयान से नया विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने राजा-महाराजाओं और जमींदारों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग अपने बाप के घर से जमीन नहीं लिखवाकर लाए थे. उनके इस बयान के बाद सदन में हंगामा मच गया. सत्ता पक्ष के सांसदों ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और स्पीकर से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
पप्पू यादव ने अपने भाषण में कहा कि देश के राजा-महाराजाओं और जमींदारों को जमीनें उनके पुरखों से नहीं मिली थीं, बल्कि ये अंग्रेजों की दलाली के बदले मिली थीं. उन्होंने कहा कि जो लोग खुद को शाही परिवारों का वंशज बताते हैं, उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या उनके पास जमीनें अपने बाप-दादा की विरासत में आईं, या फिर यह अंग्रेजों की कृपा से मिली? उनके इस बयान पर भाजपा सांसदों ने कड़ा विरोध जताया और इसे ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश बताया.
वक्फ बिल के संदर्भ में बोलते हुए पप्पू यादव ने ऐतिहासिक घटनाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस्लाम से पहले दुनिया में बौद्ध धर्म आया था, जो गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के हक में खड़ा हुआ था. उन्होंने कहा कि इतिहास को सही तरीके से समझने की जरूरत है और यह देखना होगा कि गरीबों और मूल आदिवासियों की जमीनें जमींदारों और रजवाड़ों के पास कैसे गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि अंग्रेजों के साथ मिलीभगत के कारण इन लोगों को जमीनें मिलीं, जबकि असली हकदारों को बेदखल कर दिया गया.
अपने भाषण में पप्पू यादव ने सिख धर्म के दशम गुरु, गुरु गोविंद सिंह का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने अपनी कुर्बानी किसी एक धर्म विशेष की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि मानवता को बचाने के लिए दी थी. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी खुद को धर्म और संस्कृति का रक्षक बताती है, लेकिन मंडल कमीशन के खिलाफ कमंडल की राजनीति इन्हीं लोगों ने की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय हजारों ओबीसी समुदाय के लोगों की हत्या कर दी गई थी.
पप्पू यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह पार्टी जातिगत जनगणना और एससी-एसटी के अधिकारों का विरोध करती है. उन्होंने कहा कि जब भी आरक्षण और सामाजिक न्याय की बात आती है, भाजपा उससे बचने की कोशिश करती है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर वक्फ बिल तो लेकर आई है, लेकिन जब महिलाओं के लिए आरक्षण की बात आती है, तो उसे टाल देती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इसलिए महिला आरक्षण लागू नहीं करना चाहती क्योंकि वह दलित, पिछड़ा और आदिवासी समुदाय की महिलाओं को आरक्षण नहीं देना चाहती.
सांसद पप्पू यादव ने बिहार में भाजपा की राजनीति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि भाजपा बिहार में एक भी मुसलमान को चुनावी टिकट नहीं देती. उन्होंने सरकार पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि यह पार्टी धर्म के आधार पर नफरत फैलाकर देश की एकता और भाईचारे को नुकसान पहुंचा रही है.
पप्पू यादव की टिप्पणियों के बाद संसद में जोरदार हंगामा हुआ. भाजपा सांसदों ने उनके बयान को अपमानजनक बताते हुए कड़ा विरोध जताया. उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज से भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इसे बेहूदगीभरा बयान करार दिया और स्पीकर से पप्पू यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. हालांकि, स्पीकर की चेयर पर बैठे दिलीप सैकिया ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया, जिससे सत्ता पक्ष के सांसदों में नाराजगी देखने को मिली.
जहां सत्ता पक्ष के सांसदों ने पप्पू यादव के बयान की आलोचना की, वहीं विपक्षी सांसदों ने उनके तर्कों का समर्थन किया. कई सांसदों ने कहा कि इतिहास के तथ्यों पर खुली बहस होनी चाहिए और यह देखा जाना चाहिए कि देश में जमीनों का असल मालिक कौन था. विपक्ष ने भाजपा पर इस मुद्दे को गलत तरीके से राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को सामाजिक न्याय और आरक्षण के मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए.
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