Prashant Kishor on Nitish Government: जनसुराज की 20 अप्रैल दिन रविवार को कोर कमिटी की बैठक हुई. इस बैठक में पार्टी ने अभी से लेकर चुनाव तक पार्टी कैसे काम करेगी इन मुद्दों पर चर्चा की. इसको लेकर जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस में सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए और तीन मुद्दों पर एक महीने के अंदर सरकार से जवाब मांगा.
1. जातीय जनगणना के नाम पर सरकार ने रोटियां सेंकी, लेकिन जातीय जनगणना कराने वाले नेताओं की मंशा किसी भी जाती का भला करना नहीं था. बिहार में पांच प्रतिशत से कम लोग बारहवीं तक की पढ़ाई करते है, लेकिन इसपे कोई चर्चा भी हुई. सरकार इस पर जवाब दे कि आखिर इसका मकसद क्या था?
केंद्र और राज्य में आपकी सरकार है तो ये बताए समाज को कि आपने जो आरक्षण बढ़ाने की मांग की थी उसकी अभी क्या स्थिति है? और तेजस्वी से भी पूछना चाहूंगा की आपने विपक्ष के भूमिका में इस मुद्दे पर क्या किया है?
नीतीश कुमार ने 22 नवम्बर को ट्वीट किया था कि 94 लाख लोगों को पैसा देने की बात कही थी, लेकिन गरीबों को इसका लाभ नहीं मिला. उसकी स्थिती क्या है? 39 लाख होमलेस लोगों को 1 लाख 20 हजार देने की बात कही थी, लेकिन वो नहीं हुआ, इसका जवाब दे.
2. सरकार से दूसरी मांग है कि महादलितों और दलितों को 3 डिसमिल जमीन देने की बात कही थी. वो भी नहीं मिली, उन परिवारों को जमीन कब मिलेगी?
3. भूमि सुधार के नाम पर लूट मची है. अभी तक 20 परसेंट जमीन का सर्वे हो पाया है, लेकिन बिहार में 80 फिसदी जमीन का सर्वे अभी भी बचा है. सरकार जवाब दे कि बाकी बचा काम कब तक होगा.
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इन तीनों सवाल के जवाब की मांग प्रशांत किशोर ने एक महीने के अंदर की है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर इसका जवाब नहीं देती है तो वो पूरे बिहार में हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और इसके साथ ही विधानसभा का भी घेराव करेंगे.
रिपोर्ट: प्रिंस सूरज
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