कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की 'नौकरी दो, पलायन रोको' यात्रा 25 मार्च को मधुबनी पहुंच रही है. 16 फरवरी को यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम से हुई थी. कन्हैया कुमार की इस यात्रा को कांग्रेस की तरफ से एक बड़ा मूव माना जा रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति में व्यापक बदलाव किया है. बिहार प्रभारी बदल दिए गए, प्रदेश अध्यक्ष बदले गए, कन्हैया कुमार को बिहार में तैनाती मिल गई, कन्हैया कुमार यात्रा पर निकल गए, पप्पू यादव को फ्री हैंड मिल गया है और वे राजद के खिलाफ आग उगल रहे हैं. राजद हालांकि अभी इन सब मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे रही है, लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस के सभी कदमों पर राष्ट्रीय जनता दल की पैनी निगाह है.
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राष्ट्रीय जनता दल के सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान कन्हैया कुमार की यात्रा को बेहद गंभीरता से ले रहा है. दरअसल, कन्हैया कुमार उन्हीं मुद्दों को लेकर यात्रा निकाल रहे हैं, जिसे तेजस्वी यादव हमेशा उठाते रहे हैं. इससे तेजस्वी यात्रा का मुद्दा और उनका क्रेडिट कन्हैया कुमार के खाते में दर्ज होता दिख रहा है. इसलिए राजद आलाकमान कन्हैया कुमार की यात्रा को हल्के में नहीं ले रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कन्हैया कुमार की यात्रा पर निगाह डालने के लि बाकायदा एक टीम बनाई गई है.
इस टीम का मुख्य काम यह है कि कन्हैया कुमार अपनी यात्रा के दौरान किन-किन लोगों से मिल रहे हैं, क्या-क्या बोल रहे हैं और कहां-कहां जा रहे हैं? कहां ठहर रहे हैं? उनसे मिलने के लिए कौन-कौन आ रहे हैं? इनमें से दो बातों पर विशेष फोकस किया जा रहा है: पहला कौन-कौन कन्हैया कुमार से मिल रहा है और कन्हैया कुमार क्या-क्या बोल रहे हैं? जो टीम इन सब बातों को मॉनिटर कर रही है, उसकी एक फैक्ट फाइंडिंग टीम भी है, जो बारीक से बारीक विश्लेषण कर रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि रोजाना यह रिपोर्ट तेजस्वी यादव तक पहुंच रही है.
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कांग्रेस की किसी भी गतिविधि पर राजद ने अभी तक कोई आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद राजद सहित सभी क्षेत्रीय दल सकते में हैं और ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहते, जिससे कांग्रेस को खराब लगे. अगर कांग्रेस को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद नेताओं की कोई बात बुरी लग गई तो फिर एकला चलो का रास्ता भी अपनाया भी जा सकता है. बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ राजद की जरूरत है, न कि कांग्रेस की. इसलिए राजद फूंक फूंककर कदम उठा रहा है. फिलहाल केवल राजद की तीसरी आंख कन्हैया कुमार की यात्रा पर नजर रख रही है. कन्हैया कुमार की यात्रा खत्म होने पर इसकी समीक्षा की जा सकती है.