राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एकदिवसीय दौरे पर गया पहुंचे, जहां उन्होंने परिसदन भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने परिसीमन के मुद्दे पर विस्तार से अपनी राय रखी.
क्या है परिसीमन और क्यों है महत्वपूर्ण
कुशवाहा ने बताया कि परिसीमन यानी लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या तय करने की प्रक्रिया है. संविधान के अनुसार हर दस साल पर जनगणना के आधार पर लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या बदलनी चाहिए. पहले 1951, 1961 और 1971 में परिसीमन हुआ, लेकिन 1976 में इमरजेंसी के दौरान इस प्रक्रिया को रोक दिया गया. तब से बिहार जैसे राज्य नुकसान झेल रहे हैं.
बिहार के साथ अन्याय पर जताई चिंता
कुशवाहा ने कहा कि अगर 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन हुआ होता, तो बिहार में लोकसभा सीटें 40 से बढ़कर 60 हो जातीं. इसी तरह विधानसभा सीटें भी ज्यादा होतीं, जिससे विकास में मदद मिलती. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दक्षिणी राज्यों के नेता इस प्रक्रिया को फिर से रोकना चाहते हैं.
जनता को करेंगे जागरूक
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ जनता को एकजुट करने के लिए रैलियां कर रही है. शाहाबाद और मुजफ्फरपुर में रैलियों के बाद अब 29 जून को गया में बड़ी रैली होगी. इस रैली का नाम ‘संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार’ रखा गया है. अंत में उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि 2026 में परिसीमन प्रक्रिया शुरू कर बिहार के हक को लौटाया जाए ताकि लोकसभा व विधानसभा सीटें जनसंख्या के अनुसार मिलें.
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