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Ramgarh News: 5 अप्रैल को होनी थी शादी, बॉर्डर पर शहीद हो गए कैप्टन करमजीत, अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब

Martyr Captain Karamjeet: कैप्टन करमजीत अपने परिवार के बड़े बेटे थे और 5 अप्रैल को उनकी शादी तय थी. घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन अब इस दुखद खबर से पूरे परिवार और क्षेत्र में मातम छा गया है.

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शहीद कैप्टन करमजीत का अंतिम संस्कार
शहीद कैप्टन करमजीत का अंतिम संस्कार
K Raj Mishra|Updated: Feb 13, 2025, 07:51 AM IST
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Martyr Captain Karamjeet Last Rites: जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास मंगलवार (11 फरवरी) को हुए आईईडी विस्फोट में कैप्टन सरदार करमजीत सिंह बक्शी उर्फ पुनीत सहित दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. शहीद कैप्टन करमजीत सिंह झारखंड के रामगढ़ जिले के रहने वाले थे. बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद कैप्टन का अंतिम संस्कार हुआ. झारखंड के वीर सपूत कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी का पार्थिव शरीर को सेना की गाड़ी से हजारीबाग ले जाने के क्रम में देर रात रामगढ़ में सिख समाज के साथ साथ कई गणमान्य लोगों ने उनके गाड़ी में फूलों की बारिश करते हुए श्रद्धांजलि दिया साथ ही कैप्टन अमर रहे अमर रहे के नारे लगाए.

बता दें कि कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी अखनूर में एलओसी में तैनात थे उनकी टोली के जवान इलाके में गश्त कर रहे थे, उसी दौरान आतंकियों के द्वारा प्लांट आईईडी ब्लास्ट में वे बुरी तरह से जख्मी हो गए थे और वे विरगति को प्राप्त हो गए. शहादत की खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर है. 10 दिन पहले ही वह ड्यूटी पर लौट थे. उनके पिता अजिंदर सिंह बक्शी और मां नीलू बक्शी हजारीबाग के जुलू पार्क के पास रहते हैं. उनका परिवार वहां क्वालिटी रेस्टोरेंट का संचालन करता है.

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कैप्टन करमजीत अपने परिवार के बड़े बेटे थे और 5 अप्रैल को उनकी शादी तय थी. घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं. लेकिन अब इस दुखद खबर से पूरे परिवार और क्षेत्र में मातम छा गया है. उनकी सहादत पर रामगढ़ के लोगों ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आईडी ब्लास्ट में मारे गए हजारीबाग के रहने वाले कर्मजीत सिंह बक्शी जी का पार्थिव शरीर रामगढ़ के छावनी में लाया गया है. यह हमें बहुत गर्व की बात है. परमजीत सिंह जग्गी ने सबसे पहले यहां रामगढ़ छावनी में ज्वाइन किया था. यह हमारे सिख समाज और पूरे रामगढ़ के लिए गर्व की बात है. आज हम लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर फूलों की वर्षा करके उन्हें श्रद्धांजलि देने का काम किया है.

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