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झारखंड ने फिर खोला बकाया का पन्ना, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में CM हेमंत सोरेन ने केंद्र से की कई अहम मांगें

रांची में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोल कंपनियों पर 1.40 लाख करोड़ की बकाया राशि की तत्काल वसूली, DMFT नीति में सुधार, बंद खदानों की सुरक्षित बंदीकरण और मेट्रो परियोजना जैसी कई अहम मांगें रखीं.

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झारखंड ने खोला बकाया का हिसाब
झारखंड ने खोला बकाया का हिसाब
Saurabh Jha|Updated: Jul 10, 2025, 11:49 PM IST
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Eastern Zonal Council meeting Ranchi: राजधानी रांची के रेडिशन ब्लू होटल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) की बैठक आयोजित हुई. इस अहम बैठक में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. झारखंड की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई अहम विषयों पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया और राज्य की लंबित जरूरतों को प्राथमिकता देने की मांग रखी.

कोल कंपनियों पर 1.40 लाख करोड़ बकाया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की जमीन से केंद्र को संसाधन मिलते हैं, लेकिन राज्य को उसका वाजिब हक नहीं मिल रहा. उन्होंने बताया कि कोल इंडिया की इकाइयों सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल पर झारखंड का 1,40,433 करोड़ रुपये बकाया है. इसमें लैंड मुआवज़ा मद में 1.01 लाख करोड़, कॉमन कॉज मद में 34,213 करोड़ और रॉयल्टी में 6,219 करोड़ शामिल हैं. उन्होंने इस बकाया की तत्काल वसूली की मांग की.

CBA एक्ट पर आपत्ति
मुख्यमंत्री ने CBA (कोल बेयरिंग एरिया) एक्ट में संशोधन कर खनन के बाद की भूमि को अन्य कंपनियों को सौंपने के प्रस्ताव पर कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार भूमि पर अधिकार राज्य सरकार का है, और कोल कंपनियों को खनन के बाद की ज़मीन राज्य सरकार को वापस करनी चाहिए.

बंद खदानों के माइंस क्लोजर की उठाई मांग
हेमंत सोरेन ने खदानों के बंद होने के बाद उचित ढंग से खदान बंद (Mines Closure) न होने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि इससे न केवल जान-माल का नुकसान हो रहा है, बल्कि अवैध खनन भी बढ़ रहा है. उन्होंने केंद्र से कहा कि खदानें बंद होने पर उसे पूरी तरह सुरक्षित तरीके से बंद किया जाए.

DMFT नीति में बदलाव और स्थानीयों को PSU में प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) नीति में बदलाव करने की मांग की, ताकि खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों और लोगों को लाभ मिल सके. साथ ही केंद्र सरकार की पीएसयू नियुक्तियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की भी अपील की.

एयर कार्गो हब और मेट्रो रेल की मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि साहिबगंज में एयर कार्गो हब विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने ज़मीन अधिग्रहण शुरू कर दिया है, लेकिन इसके लिए केंद्र को 100% लागत वहन करनी चाहिए. वहीं राजधानी रांची में मेट्रो रेल परियोजना की भी मांग उठाई गई, ताकि बढ़ते शहरीकरण के बीच यातायात का बेहतर समाधान हो सके.

रेल और सड़क कनेक्टिविटी पर विशेष ज़ोर
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के चक्रधरपुर, धनबाद और रांची जैसे रेल मंडल देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले हैं, लेकिन राज्य के कई जिला मुख्यालयों में अब भी रेलवे सुविधा नहीं है. उन्होंने राजमहल से मानिकचक (मालदा) के बीच पुल निर्माण की बात भी दोहराई, जिससे झारखंड की पूर्वोत्तर राज्यों से कनेक्टिविटी बेहतर हो सके.

शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक योजनाओं पर केंद्र से सहयोग की उम्मीद
मुख्यमंत्री ने ट्राइबल यूनिवर्सिटी, नए मेडिकल कॉलेज, RIMS-2, और छात्रवृत्ति योजनाओं में केंद्र से सहायता मांगी. साथ ही प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा मजदूरी, पेंशन योजनाओं में केंद्र का 1000 मासिक अंशदान और 15 लाख का स्वास्थ्य बीमा देने की भी मांग रखी.

पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण को भी दी प्राथमिकता
राज्य सरकार ने रामरेखा धाम को रामायण सर्किट और बौद्ध स्थलों को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की बात कही. इसके अलावा दामोदर नदी को नमामि गंगे योजना में शामिल करने और सिंचाई परियोजनाओं के लिए केंद्र से साझेदारी की उम्मीद जताई.

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