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Palamu News : झारखंड के इस प्राचीन मंदिर में भगवान परशुराम की स्थापित की जाएगी प्रतिमा

Jharkhand News: अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि नए भगवान परशुराम की प्रतिमा के साथ मंदिर को और भी प्राचीन बनाने के लिए प्रयासरत हैं. यहां के प्रतिष्ठान्त समारोह की तिथि भी शीघ्र घोषित की जाएगी.

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Palamu News : झारखंड के इस प्राचीन मंदिर में भगवान परशुराम की स्थापित की जाएगी प्रतिमा
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jan 24, 2024, 05:08 PM IST
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पलामू: पलामू के खोनहार गांव में स्थित बाबा खोनहर नाथ मंदिर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां भक्त देश-विदेश से आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की आशा करते हैं. यहां भगवान परशुराम की 15 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई जा रही है, जिसे खड़कपुर से मंगवाया गया है. प्रतिमा का रंग रोगन किया जा रहा है और इसकी स्थापना के बाद प्राण प्रतिष्ठा हेतु तिथि निर्धारित की जाएगी. मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि इस प्रतिमा की लागत लगभग 20 से 25 लाख रुपये है और इसे चीनी मिट्टी और धातु के मिश्रण से बनाया गया है.

मंदिर के पुजारी संतोष बाबा ने बताया कि यहां चारों तरफ चट्टानों के बीच मां गंगा के साथ बाबा भोलेनाथ का स्थान है और यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना है. यहां एक अनोखा ज्योतिर्लिंग है, जो मानसरोवर और अमरनाथ के बाद तीसरा स्थान माना जाता है. मंदिर का परिसर बहुत ही शांतिपूर्ण है और यहां के पुजारी दसों पीढ़ियों से ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे हैं. मंदिर के विकास के लिए पर्यटन विभाग ने करीब 10 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें नए विवाह मंडप, ठहरने के लिए AC कमरे, सड़क, पेड़-पौधे, गार्डेनिंग और विशाल तोरण शामिल हैं. यहां आयोजित महाशिवरात्रि मेला के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और इसे एक पवित्र स्थान मानते हैं.

मंदिर के पुजारी बता रहे हैं कि प्रतिमा की स्थापना के लिए तैयारी जोरों पर हैं और इसे बहुत जल्द ही समाप्त किया जाएगा. इस मंदिर का इतिहास हजारों वर्षों से भी पुराना है और यह एक अद्भुत धार्मिक स्थल है. अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि नए भगवान परशुराम की प्रतिमा के साथ मंदिर को और भी प्राचीन बनाने के लिए प्रयासरत हैं. यहां के प्रतिष्ठान्त समारोह की तिथि भी शीघ्र घोषित की जाएगी. इस प्रकार खोनहार नाथ मंदिर अपने अनूठे इतिहास, अद्भुत परिसर और धार्मिक महत्व के साथ एक अद्वितीय स्थल बन चुका है जो हर वर्ग के लोगों को आकर्षित करता है. इसका विकास पर्यटन के क्षेत्र में और बढ़ाएगा और इसे एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक हब बनाए रखने में मदद करेगा.

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