trendingNow/india/bihar-jharkhand/bihar02773097
Home >>रांची

झारखंड में हजारों पारा शिक्षकों की सेवा समाप्ति पर घमासान, बाबूलाल मरांडी बोले- सरकार ने किया अन्याय

झारखंड सरकार द्वारा हजारों पारा शिक्षकों को बर्खास्त करने का निर्णय राज्य में विवाद का कारण बन गया है. नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे शिक्षा व्यवस्था पर आघात बताया है और सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.

Advertisement
झारखंड में हजारों पारा शिक्षक बर्खास्त
झारखंड में हजारों पारा शिक्षक बर्खास्त
Saurabh Jha|Updated: May 25, 2025, 09:34 PM IST
Share

झारखंड सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए उन पारा शिक्षकों को सेवा से हटाने का आदेश जारी किया है, जिनके इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से जारी किए गए हैं. सरकार का कहना है कि यह निर्णय मानकों के अनुरूप लिया गया है, ताकि शैक्षणिक गुणवत्ता बनी रहे.

इस फैसले पर राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने तीखा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय गैर-जरूरी और शिक्षकों के भविष्य के साथ अन्याय है. उन्होंने सरकार से इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है.

बाबूलाल मरांडी ने याद दिलाया कि झारखंड के गठन के बाद जब शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई थी, तब उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल में ग्राम शिक्षा समिति के जरिए हजारों पारा शिक्षकों की नियुक्ति की थी. उन्होंने बताया कि इन शिक्षकों ने ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में शिक्षा को मजबूत किया है.

शुरुआत में पारा शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता मैट्रिक थी. बाद में 2005 में इसे इंटरमीडिएट कर दिया गया. इसके बाद कई शिक्षकों ने विभिन्न संस्थानों से इंटर पास किया, जिनमें से कुछ अब राज्य सरकार द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त घोषित किए जा चुके हैं.

मरांडी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में हजारों शिक्षक पद रिक्त हैं, लेकिन पिछले साढ़े पांच वर्षों में एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई. ऐसे में पारा शिक्षकों को हटाना शिक्षा के हित में नहीं है. उन्होंने लिखा कि 25 वर्षों से समर्पित सेवा दे रहे पारा शिक्षकों को अचानक हटाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है. पारा शिक्षक वर्षों से कम वेतन में काम करते आ रहे हैं और शिक्षा को जमीनी स्तर पर संभाले हुए हैं.

बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि इस निर्णय को तुरंत रद्द किया जाए और पारा शिक्षकों का वेतन नियमित रूप से जारी किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से हजारों परिवारों का भविष्य अंधकार में जा सकता है.

इनपुट- आईएएनएस

ये भी पढ़ें- प्यार की लड़ाई में अकेले पड़े तेजप्रताप यादव, पिता-भाई के बाद बहन ने भी छोड़ा साथ

बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi हर पल की जानकारी. बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Read More
{}{}