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Jamui News: तालाब की खुदाई में मिली 1500 साल पुरानी मूर्ति, पुलिस-ग्रामीण हुए आमने-सामने

Jamui Latest News: जमुई में 15 सौ साल पुरानी प्राचीन मूर्ति मिली है. इस दौरान ग्रामीण और पुलिस आमने-सामने हो गई. तालाब की खुदाई में यह मूर्ति मिली है. इसके बाद से 72 घंटे का राम धुन और भजन कीर्तिन शुरू हो गया है.

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जमुई में 15 सौ साल पुरानी प्राचीन मूर्ति मिली
जमुई में 15 सौ साल पुरानी प्राचीन मूर्ति मिली
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Feb 08, 2024, 11:34 AM IST
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Jamui Latest News: जमुई में भगवान सूर्य की एक पालकालीन मूर्ति मिलने के बाद स्थानीय लोग और प्रशासन आमने-सामने आ गए. स्थानीय लोग मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने की मांग करने लगे, लेकिन प्रशासन मूर्ति को संग्रहालय ले जाना चाहता था. फिर स्थानीय लोगों ने 72 घंटे का अखंड कीर्तन शुरू कर दिया, जिसे देख प्रशासन को अपना कदम पीछे खींचना पड़ा और विधि विधान से मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया. कहा जा रहा है यह मूर्ति 15 सौ साल पुरानी है.

मामला सिकंदरा प्रखंड के सिझौड़ी गांव का है. यहां सिमरा तालाब की खुदाई के दौरान 6 फरवरी दिन मंगलवार को काले पत्थर की भगवान सूर्य की दुर्लभ प्रतिमा मिली, जिसकी ऊंचाई 3 फीट है. मूर्ति मिलने के बाद पुलिस प्रशासन मंगलवार देर रात 11 बजे तक गांव में कैंप करती रही, लेकिन लोगों ने मूर्ति को छिपा दिया. बुधवार को मूर्ति को गांव के ही ठाकुरबाड़ी में रख दिया गया और 72 घंटे का अखंड कीर्तन शुरू हो गया. लेकिन लोगों की भीड़ को देखते हुए पुलिस नहीं पहुंची. मूर्ति मिलने की सूचना पर कई गांवों के लोग सिझौड़ी पहुंचे. सभी जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे. गांव में मेला जैसे माहौल बन गया. फिर ग्रामीण प्रतिमा को अपने कंधे पर रख 'जय श्री राम' और भगवान का जयकारा लगाते ठाकुरबाड़ी मंदिर पहुंचे. 

मूर्ति मिलने की सूचना पर स्थानीय विधायक प्रफुल्ल मांझी भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि लोगों की आस्था के साथ मेरी आस्था भी जुड़ी है. तालाब की खुदाई में भगवान सूर्य की दुर्लभ मूर्ति मिली है. प्रशासन अपने नियमानुसार संग्रहालय ले जाना चाहते थे, लेकिन ग्रामीण जिस स्थल से मूर्ति निकली, वहां भव्य मंदिर का निर्माण कर पूजा-अर्चना करना चाहते हैं. लोगों की आस्था खंडित न हो, इसके लिए मैं हमेशा सड़क से लेकर सदन तक खड़ा रहूंगा.

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ भी हो जाएगा, हम भगवान सूर्य की मूर्ति को प्रशासन को नहीं देंगे. मूर्ति को संग्रहालय की बंद दीवारों के अंदर रखना चाहते हैं. जबकि, भगवान की मूर्ति मंदिर में होनी चाहिए.

इधर, एसडीओ अभय कुमार तिवारी ने बताया कि खुदाई में मूर्ति मिलने की सूचना मिली है. इसकी जांच कराई जा रही है. जब तक इस पर किसी विशेषज्ञ की राय नहीं आ जाती है, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने बताया कि यह मूर्ति प्राचीन है तो ट्रेजर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.जिला प्रशासन को ग्रामीणों ने मूर्ति देने के इनकार कर दिया. इसके बाद उसे गंगाजल से साफ किया और एक मंदिर में रख दिया. 

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दूसरी तरफ, ग्रामीणों ने एक बैठक की, जिसमें निर्णय लिया कि तालाब के पास सूर्य मंदिर बनाया जाएगा और उसी में प्रतिमा स्थापित की जाएगी.पुरातत्वविद डॉ. रवि शंकर गुप्ता ने बताया कि यह मुकुटधारी भगवान सूर्य की दुर्लभ प्रतिमा है, जो पालकालीन आठवीं से दसवीं शताब्दी काल की है. यह अच्छी प्रतिमा है. दोनों हाथ में कमल, नीचे दंड और पिंगल बनी है. काले पत्थर की प्रतिमाएं जमुई और आसपास में अमूमन मिलती रहती हैं.

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इससे पहले 4 मार्च 2022 को सिझौड़ी के बगल के कुमार गांव में मां नेतुला मंदिर स्थित तालाब की खुदाई में पालकालीन नौवीं से दसवीं शताब्दी का दुर्लभ शिवलिंग निकला था. वहीं, 19 अगस्त 2022 को जन्माष्टमी के दिन लोहंडा गांव के तालाब में पालकालीन भगवान बलराम की मूर्ति निकली थी. फिलहाल सभी मूर्तियां गांव के ही मंदिरों में स्थापित की गई हैं.

रिपोर्ट: अभिषेक निरला

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